विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jul 17, 2023

ग्वालियर : महाराजाओं की नगरी, मंदिरों का वह शहर, जो शिक्षा, संगीत, खेल में भी है नायाब

ग्वालियर की पहचान बन चुका है सिंधिया राजवंश का ऐतिहासिक किला, जिसका ज़िक्र 'बाबरनामा' में भी किया गया है. यह महज़ किला नहीं है, बहुत से मंदिर और महलों से बनकर तैयार एक बुलंद और खूबसूरत इमारत है, जिसका नाता कई राजवंशों से रहा है.

ग्वालियर : महाराजाओं की नगरी, मंदिरों का वह शहर, जो शिक्षा, संगीत, खेल में भी है नायाब
जय विलास पैलेस सिंधिया राजपरिवार के सदस्यों का मौजूदा निवास है...

मध्य प्रदेश के उत्तर में स्थित ग्वालियर नाम का यह शहर अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. पौराणिक काल में ग्वालियर गोपांचल के नाम से जाना जाता था. इसकी वजह थी इस शहर का गोपांचल पर्वत के नजदीक स्थित होना. इसके बाद समय बीतता गया और ग्वालियर बदलता चला गया. अब ग्वालियर की पहचान बन चुका है सिंधिया राजवंश का ऐतिहासिक किला, जिसका ज़िक्र 'बाबरनामा' में भी किया गया है. यह महज़ किला नहीं है, बहुत से मंदिर और महलों से बनकर तैयार एक बुलंद और खूबसूरत इमारत है, जिसका नाता कई राजवंशों से रहा है. कछवाहा, हूण, गुर्जर प्रतिहार, तोमर, गुलाम वंश, फिर मुगल और अंत में यह किला सिंधिया का हो गया.

धर्म और इतिहास का बेहतरीन कॉम्बो
ग्वालियर नगरी इतिहास के साथ-साथ धार्मिक धरोहर भी सहेजे हुए है. पर्यटन के अलग-अलग फ्लेवर पसंद करने वाले घुमक्कड़ों के लिए ग्वालियर परफेक्ट कॉम्बो है. यहां घूमने आने वालों को अगर ऐतिहासिक टूरिज़्म पसंद है, तो उनके लिए महाराजा मान सिंह का किला मौजूद है. यह मध्यकालीन स्थापत्य का बेमिसाल नमूना है. किले की 300 फुट ऊंची दीवार इसके वैभवशाली और अविजित इतिहास की कहानी खुद ही कहती है. 15वीं शताब्दी में बना गूजरी महल भी इसी किले के भीतर स्थित है.

मान मंदिर महल भी इसी शहर में 1486 से 1517 के बीच निर्मित हुआ था. इस किले में जौहर कुंड और सूरजकुंड भी मौजूद है. किले के भीतर प्राचीन काल में एक विशाल विष्णु मंदिर था, जिसे सहस्रबाहु का मंदिर कहा जाता था. यह मंदिर अब 'सास-बहू के मंदिर' के नाम से प्रसिद्ध है. तेली का मंदिर में भगवान विष्णु की आराधना होती है. 9वीं शताब्दी में बना यह मंदिर स्थापत्य कला का खूबसूरत नमूना है, जिसकी ऊंचाई 100 फुट तक है. विवस्वान सूर्य मंदिर कोणार्क के सूर्य मंदिर की तर्ज पर बना है.

जय विलास पैलेस सिंधिया राजपरिवार के सदस्यों का मौजूदा निवास है. इस महल के 35 कमरों को संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है. महल का दरबार हॉल इसका प्रमुख आकर्षण है.

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का समाधि स्थल भी ग्वालियर में ही है. ग्वालियर शहर के फूलबाग में अंग्रेज़ों से युद्ध करते हुए रानी लक्ष्मीबाई वीरगति को प्राप्त हुई थीं. वीरांगना रानी की शहादत के सम्मान में यहां उनका स्मारक बनाया गया है.

संगीत, शिक्षा और खेल में भी धनी
1486 में राजा मान सिंह तोमर ने इस शहर में संगीत महाविद्यालय की नींव रखी. बैजू बावरा, तानसेन, हरिदास जैसे महान संगीतज्ञ इसी विश्वविद्यालय की देन है. तानसेन आगे चलकर बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक हुए, जिनकी याद में हर साल ग्वालियर में तानसेन समारोह आयोजित होता है. खेलों की बात करें तो ग्वालियर शहर इस मामले में भी काफी धनी है. ग्वालियर में लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय स्थित है. इसके अलावा 45,000 की क्षमता वाला इंटरनेशनल रूप सिंह क्रिकेट स्टेडियम भी है. शिक्षण संस्थानों के मामले में भी ग्वालियर काफी समृद्ध है. 1964 में यहां जीवाजी विश्वविद्यालय की स्थापना हुई. उसके अलावा यहां 15 नामी शैक्षणिक संस्थान हैं.

ग्वालियर से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

  • क्षेत्रफल : 4560 वर्ग कि.मी.
  • जनसंख्या : 20,32,036
  • शहरी जनसंख्या : 12,73,792
  • ग्रामीण जनसंख्या : 7,58,244
  • पुरुष : 10,90,327
  • महिला : 9,41,709
  • भाषा : हिन्दी

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Gwalior में बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में पुलिस, डेढ़ सौ शस्त्र लाइसेंस किए जाएंगे निरस्त, जानें क्या है वजह
ग्वालियर : महाराजाओं की नगरी, मंदिरों का वह शहर, जो शिक्षा, संगीत, खेल में भी है नायाब
A stampede occurred due to a fire in a vehicle in a summer camp going on in a school all children are safe
Next Article
Gwalior: स्कूल में खड़ी गाड़ी में आग लगने से मची भगदड़, सभी बच्चे सुरक्षित
Close
;