Happy Birthday Ashutosh Rana: बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा (Ashutosh Rana) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. आशुतोष हिंदी फिल्मों के अलावा मराठी, तेलुगू, कन्नड़, तमिल फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं. आशुतोष एक एक्टर के साथ-साथ फैमिली मेन भी हैं. आशुतोष राणा का जन्म 10 नवंबर 1967 को मध्य प्रदेश में हुआ था. आज उनके जन्मदिन के अवसर पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं.
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11वीं की परीक्षा पास करने पर जब गांव में मना था जश्न
आशुतोष राणा की ज्यादातर पढ़ाई मध्य प्रदेश में हुई. एक इंटरव्यू के दौरान आशुतोष राणा ने बताया कि जब उन्होंने 11वीं की परीक्षा पास की थी, इस मौके पर उनके गांव में इसका जोरदार जश्न मनाया गया. पूरे गांव में ढोल नगाड़ों के साथ रैली निकाली गई थी.
रामलीला में रावण बनते थे आशुतोष
आशुतोष राणा रामलीला में रावण का किरदार निभाया करते थे. इसके अलावा वह मध्य प्रदेश के गाडरवाडा की गलियों में भी नाटक किया करते थे. आशुतोष राणा को एक्टिंग की तरफ झुकाव बचपन से ही था.
मिल चुका है मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी अवॉर्ड
एक्टर आशुतोष राणा को साल 2020 में उनके उपन्यास "राम राज्य" के लिए मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी अवॉर्ड दिया गया. यह अवॉर्ड उनको उपन्यास श्रेणी में दिया गया था. आशुतोष राणा का झुकाव हमेशा से ही कविताओं और उपन्यास की तरफ रहा है.
दद्दा जी को अपना गुरु मानते थे आशुतोष राणा
मशहूर प्रसिद्ध संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री को आशुतोष राणा अपना गुरु मानते थे. इसलिए आशुतोष दद्दा से मिलने के लिए उनके कटनी स्थित आश्रम में आते थे. अब दद्दा जी हमारे बीच में नहीं है, लेकिन आज भी आशुतोष राणा दद्दा जी के आश्रम पर आते हैं और अपना समय बिताते हैं.
पैसे वालों को लेकर कही ये बात
जब एक इंटरव्यू के दौरान आशुतोष राणा से सवाल किया गया कि जो व्यक्ति सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं, जिसे 100 से ज्यादा बाउंसर घेरे हुए हैं. उसे ऐसा खतरा हो सकता है कि उसे देश छोड़ना पड़ जाए?. इस पर आशुतोष राणा ने जवाब देते हुए कहा था कि ऐसे लोगों को ही खतरा ज्यादा होता है, विपत्ति उसी को घेरती है जिसके पास संपत्ति होती है.
दूरदर्शन के इस सीरियल से की थी शुरुआत
आशुतोष राणा ने दूरदर्शन के पॉपुलर शो "स्वाभिमान" से अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने फिल्म दुश्मन (Dushman), संघर्ष (Sangharsh) जैसी फिल्मों में काम करके बॉलीवुड में अपनी एक खास जगह बनाई. इन फिल्मों में आशुतोष राणा निगेटिव कैरेक्टर में नजर आए थे, जिसको ऑडियंस ने काफी पसंद किया था.
जब महेश भट्ट ने आशुतोष राणा को सेट से भगाया
एक इंटरव्यू के दौरान आशुतोष राणा ने बताया था कि एक बार वह महेश भट्ट से मिलने के लिए गए थे. जब उन्होंने अपने संस्कारों के मुताबिक महेश भट्ट के पैर छुए, ऐसा करते ही महेश भट्ट उन पर भड़क गए और वहां मौजूद लोगों पर गुस्सा करने लगे कि मुझे किसने घुसने दिया. फिर मुझे वहां से बाहर निकाल दिया, लेकिन मैनें भी कभी हिम्मत नहीं हारी. मुझे जहां भी महेश भट्ट दिखते थे, मैं लपककर उनके पैर छू लेता. एक दिन महेश भट्ट ने पूछा कि पैर क्यों छूते हो, मुझे इससे नफरत है. तब मैंने कहा कि बड़ों के पैर छूना मेरे संस्कार में हैं, जिसे मैं छोड़ नहीं सकता. ऐसा सुनते ही उन्होंने मुझे गले लगा लिया था.
जब फिल्म संघर्ष के लिए आशुतोष को मिला फिल्म फेयर अवॉर्ड
फिल्म संघर्ष और दुश्मन में आशुतोष राणा का नेगेटिव रोल आज भी दर्शकों को याद है. अगर फिल्म संघर्ष की बात करें तो आशुतोष राणा ने ऐसे किन्नर का रोल प्ले किया था, जो बच्चों की बलि देकर अमर बनना चाहता है. इस रोल को करने के बाद आशुतोष राणा बॉलीवुड के सबसे खतरनाक विलेन बन गए थे. खबरों के अनुसार फिल्म शूट होने से पहले महेश भट्ट ने यह रोल आशुतोष राणा के लिए ही लिखा था और कहा भी था कि इस फिल्म जैसा विलेन आज तक बॉलीवुड में नहीं देखा गया होगा और फिल्म संघर्ष के लिए आशुतोष राणा को फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला.
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