![Bharat Rang Mahotsav: यशोदा, बलराम, राधा के अनसुलझे सवालों के जवाब देते नजर आए भगवान कृष्ण Bharat Rang Mahotsav: यशोदा, बलराम, राधा के अनसुलझे सवालों के जवाब देते नजर आए भगवान कृष्ण](https://c.ndtvimg.com/2025-02/livg9d58_k1_625x300_07_February_25.jpeg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Bharat Rang Mahotsav 2025: भोपाल रंग महोत्सव (Bharat Rang Mahotsav) के 25वें संस्करण के अंतर्गत भोपाल के भारत भवन (Bharat Bhavan) में शुरू हुए 5 दिन के समारोह का दूसरा नाटक पुनश्च कृष्ण अपनी अनोखी प्रस्तुति के लिए बेहद खास रहा. इस नाटक में भगवान श्री कृष्ण के उद्देश्यों के बारे में बताया गया. बता दें, 60 मिनट के इस नाटक ने हर किसी दर्शक को भावुक कर दिया था. इस नाटक में भगवान श्री कृष्ण, यशोदा, कर्ण, बलराम, राधा सबके जवाब देते हुए नजर आए.
नाटक में ये था खास
नाटक की शुरुआत वर्तमान में कृष्ण की सखियों के साथ वृंदावन में बातचीत के साथ शुरू होती है. जहां सखियां कृष्ण से प्रश्न करती हैं कि उनका दर्शन क्या है तो प्रश्न में जो भगवत गीता के माध्यम से ज्ञान दिया है. उस ज्ञान के बारे में नाटक में दिखाया गया है. माता यशोदा द्वापर से कलयुग तक कृष्ण का इंतजार कर रही हैं. वहीं कृष्ण चाहते तो महाभारत युद्ध रुक जाता. कर्ण के अपने कुछ प्रश्न हैं, मीरा के लिए कृष्ण का रूप कुछ और ही है तो बलराम के भी अपने खुद के कुछ प्रश्न हैं जो हमेशा कृष्ण के साथ रहे हैं. इस नाटक से कृष्ण की 16 कलाओं को दिखाने की कोशिश की गई है. नाटक के माध्यम से भगवान श्री कृष्णा कई अनसुलझे प्रश्नों का जवाब देते हुए नजर आ रहे हैं.
अभिनय और संवाद
नाटक में राधा का किरदार निभाने वाली नूपुर मेहता ने अपनी प्रस्तुति से हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित किया. नूपुर ने अपने किरदार के बारे में बात करते हुए कहा कि मैंने राधा का किरदार निभाने के लिए काफी मेहनत की है. इसके अलावा मैंने दूसरे किरदार जैसे सखी के लिए भी कोशिश की थी, लेकिन मुझे बाद में राधा का किरदार दिया गया. राधा थोड़ा सा मुश्किल किरदार है, क्योंकि मुझे पूरे डायलॉग्स खुद ही बोलना था. लेकिन जब मैंने धीरे-धीरे राधा के किरदार पर काम करना शुरू किया तो मुझे काफी अच्छा लगने लगा. क्योंकि राधा बनना हर किसी लड़की का सपना होता है.
'हमारा साहित्य कृष्ण के सवालों से भरा हुआ है'
नाटक के डायरेक्टर टीकम जोशी ने कहा कि यह नाटक हमने जब तैयार किया था, उस वक्त हम विक्रम महोत्सव की तैयारीयां कर रहे थे. हमारे पास यह विकल्प आया था कि हम भगवान श्री कृष्ण के नाटक पर काम करें. उस समय मेरे मन में काफी सवाल थे. हिंदी साहित्य में भगवान श्री कृष्ण को लेकर काफी सवाल पूछे गए हैं. हमारा साहित्य कृष्ण के सवालों से भरा हुआ है. मुझे लगा कि भगवान श्री कृष्ण के इन सवालों के जवाब हम कैसे ढूंढेंगे. वही सवाल ढूंढने के लिए मैंने अपने एक्टर्स के साथ गीता पढ़ी. फिर हमने इस नाटक पर काम करना शुरू किया.