
Bastar Pandum Festival News : आदिवासी परंपरा को संरक्षित करने के लिए आयोजित बस्तर पंडुम महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले डांस को अभी तक पुरस्कार राशि नहीं मिलने से दल के सदस्यों में मायूसी और आदिवासी समाज प्रमुखों में नाराजगी देखने को मिल रही है. हम बात कर रहे हैं कोंडागांव के ग्राम रांधना के खूंटा मांदरी नृत्य दल की, जिन्होंने बस्तर पंडुम महोत्सव के सभी स्तर पर विजय हासिल की और दंतेवाड़ा में आयोजित संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में गृहमंत्री अमित शाह के हाथों प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया.
आदिवासी समाज ने इस लापरवाही की घोर निंदा की
लेकिन इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन की अनदेखी से नर्तक दल के सदस्यों में मायूसी देखी जा रही है. बड़ी बात यह है कि दल को आज तक पुरस्कार राशि भी प्राप्त नहीं हुई है. वहीं, आदिवासी समाज के प्रमुखों के द्वारा भी प्रशासन की इस लापरवाही की घोर निंदा की है. दल के सदस्यों का कहना है कि अगर जिला स्तर पर हमारा सम्मान होता तो, हमें और ज्यादा हिम्मत और लोकप्रियता मिलती, जिससे हम अपनी कला का प्रदर्शन स्थानीय स्तर के साथ-साथ दूसरे जिलों और राज्यों में भी कर पाते, और हमें ज्यादा से ज्यादा आय अर्जित करने में आसानी होती.
जानें किस स्तर पर कितनी राशि देना था
वहीं, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बंगाराम सोडी ने कहा की राज्य शाशन के द्वारा बस्तर पण्डूम के नाम से बस्तर की संस्कृति को चीन भीन करने का काम किया जा रहा है, जितने भी लोग अपनी कला दिखाने आये थे उनको सलेक्ट कर उनको ब्लॉक स्तर पर 10 हज़ार,जिला स्तर पर 20 हजार और संभाग स्तर पर 50 हजार देना था, वो भी उनको नहीं दिया गया. बस्तर के विभिन्न समाज के लोगो को कोई सम्मान नहीं दिया गया, जिसको लेकर सर्व आदिवासी समाज काफ़ी नाराज़ है.
'जिला प्रशासन के द्वारा कोई मदद नहीं की गई'
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बंगाराम द्वारा एक बड़ा आरोप राज्य सरकार पर लगाया की बस्तर पंडुम के नाम से राज्य और केंद्र शाशन मिल के हमारे कोई संसाधन को चोरी करने का काम कर रही है. वहीं, विकासखंड फरसगांव के अध्यक्ष ईश्वरलाल कोर्राम ने कहा की आयतु राम नाग जो की डांस टीम के अध्यक्ष है, उनको जिला प्रशासन के द्वारा कोई मदद नहीं की गई. वहीं, उनको इनाम के नाम पर डेमो चेक दे दिया गया. आदिवासी संस्कृति का नाम को एक प्रपोगोण्डा बना दिया. उन्होंने कहा कि सिर्फ आदिवासियों को नाचना है, और उनके नाम पर कॉरपोरेट जगत को जगह देना है.
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अमित शाह के द्वारा 50 हजार रुपये का इनाम दिया गया था
वहीं, आयतु राम नाग बताते है की गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा उनको 50 हज़ार का इनाम उनको दिया गया था.उनको जिला प्रशासन के द्वारा उनको कोई सम्मना नहीं किया गया. हम चाहते हैं कि जिला प्रशासन हमारा सम्मान करे. ताकि हमारा उत्साह बढ़े और हम आगे बढ़कर और अपना कार्यक्रम दिखाने का प्रयास करे.जिला पंचायत सीइओ अविनाश भोई का कहना है कि जिला और ब्लाक स्तर की राशि विजेताओं के खाते में दे दी. संभाग की राशि जब आएगी, तो वो भी उनके खाते में दे दी जाएगी.
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