विज्ञापन
Story ProgressBack

लाखों खर्च करने के बाद भी पार्क खस्ताहाल ! कहीं झूले खराब तो कहीं लाइटें बंद

Chhattisgarh News in Hindi : पार्क बेहद ही बदहाल स्थिति में पड़े हैं. कई सालों से निगम ने पार्क की मरम्मत और नए झूले लगाने की तरफ पहल नहीं की है. लोगों का कहना है कि पार्कों के खाली होने की वजह से कोई भी यहां पर घूमने नहीं आता है.

Read Time: 3 mins
लाखों खर्च करने के बाद भी पार्क खस्ताहाल ! कहीं झूले खराब तो कहीं लाइटें बंद
लाखों खर्च करने के बाद भी पार्क खस्ताहाल ! कहीं झूले खराब तो कहीं लाइटें बंद

Chhattisgarh News in Hindi : कोरिया जिला मुख्यालय में बच्चों के मनोरंजन के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं हो पाई है. बच्चों के लिए शहर में सिर्फ एक इंदिरा पार्क है. उसकी भी हालत खराब है. बच्चों के लिए पर्याप्त झूले भी नहीं हैं, जो हैं वे भी टूट चुके हैं. यहां दो फिसलपट्‌टी, तीन झूले और छोटे बच्चों के लिए एक राउंड झूला लगा था. अब इनमें सिर्फ तीन झूले ही सही सलामत है. घुड़-सवारी और राउंड झूला टूट चुका है. एक साल पहले भी पार्क की स्थिति यही थी. पालिका के अधिकारियों ने कहा था कि प्रस्ताव भेजा गया है. जैसे ही राशि मंजूर होती है... नए झूले लगाए जाएंगे मगर एक साल बीतने के बावजूद पार्क के हालात में कोई सुधार नहीं हो पाया है.

पार्कों का हाल बदहाल

शहरवासी बच्चों को घुमाने के लिए पार्क तो ले जाते हैं, लेकिन यहां किसी भी तरह की सुविधा ना देख मायूस होकर लौटते हैं. बता दें कि इंदिरा पार्क के झूले और जानवरों की मूर्तियां टूट-फूट गई हैं. भालू के सिर को किसी ने तोड़ दिया है. वहीं, शेर की पूंछ कई सालों से टूटी पड़ी है. पार्क में लगाई गई लाइट्स को भी बदमाशों ने तोड़ दिया है. यहां खंभों पर लगी झालर बंद है. पार्क में नए झूले लगाने के लिए दो साल से नगर पालिका तैयारी कर रही है, पर झूले नहीं लग सके हैं.

जिम्मेदारों को नहीं सरोकार

पार्क बेहद ही बदहाल स्थिति में पड़े हैं. कई सालों से निगम ने पार्क की मरम्मत और नए झूले लगाने की तरफ पहल नहीं की है. ऐसे में इन पार्कों में साफ़-सफाई का भी अभाव है. आसपास के लोगों का कहना है कि पार्कों के खाली होने की वजह से कोई भी यहां पर घूमने नहीं आता है. दिनभर में 50-60 लोग ही पार्क में आ रहे हैं. पार्क दोपहर 4 से शाम 8 बजे तक खुला रहता है. जबकि दिसंबर, जनवरी व फरवरी में यहां 700 से ज्यादा टिकट तक बिकती है. यहां एक टिकट का शुल्क पांच रुपए है.

ये भी पढ़ें :

बचा लो पेड़ नहीं तो नहीं बचेगा 'कुछ' , पढ़िए MP के पृथ्वी सेना की कहानी

कोई नहीं आता घूमने

यह हाल बिजली ऑफिस के सामने राममंदिर वाटिका का भी है... जहां के झूले भी पुराने हो चुके हैं. इससे बच्चे मायूस होकर लौट जाते हैं. जबकि वाटिका के आसपास रहवासी कॉलोनी है. कई लोग देेर शाम यहां टहलने के लिए आते हैं. झुमका बोट क्लब में बांध के तट पर SECL ने पार्क की स्थापना की थी. इसमें कुछ झूले टूट चुके थे. झुमका महोत्सव व CM कार्यक्रम को लेकर पार्क के झूलों को यहां से हटा दिया गया. इससे झुमका तट पर बच्चों के मनोरंजन के लिए कुछ भी नहीं बचा. बोटिंग महंगा होने के चलते कम परिवार ही इसका लुत्फ उठा पाते हैं.

ये भी पढ़ें :

विश्व पर्यावरण दिवस पर कलेक्टर ने रोपे पौधे, पेड़ बचाओ का दिया नारा

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Chhattisgarh News: राजस्थान में बंधक बनकर काम कर रहे युवकों को छुड़ाने में सफल रहा प्रशासन, कैबिनेट मंत्री नेताम ने की मुलाकात
लाखों खर्च करने के बाद भी पार्क खस्ताहाल ! कहीं झूले खराब तो कहीं लाइटें बंद
ndian Railways Cancels Trains Passengers Face Major Disruptions
Next Article
असुविधा के लिए खेद है ! रद्द ट्रेनों के चलते MP जाने वाले मुसाफिर परेशान
Close
;