एमएचए ने केंद्रीय गृहमंत्री पदक की घोषणा कर दी है. इस बार सबसे अधिक पदक छत्तीसगढ़ पुलिस अधिकारियों और जवानों को दिया जाएगा. इस बार छत्तीसगढ़ के 181 जवान पदक से सम्मानित होंगे, जिसमें से कांकेर नक्सल मुठभेड़ को अंजाम देने वाले जवान भी शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ के बहादुर पुलिस अफसरों और जवानों ने इस साल केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक में विशेष स्थान हासिल किया है. माना जा रहा है कि नक्सल ऑपरेशनों में उनकी बहादुरी और रणनीतिक योगदान को देखते हुए उनका नाम शामिल किया गया है. छत्तीसगढ़ से कुल 182 पुलिस अधिकारियों और जवानों को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. यह संख्या देशभर में सबसे अधिक है. इसमें एडिशनल डीजी विवेकानंद सिन्हा समेत कई पुलिस अफसर भी शामिल हैं.
रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा को भी केंद्रीय गृह मंत्री दक्षता पदक से सम्मानित किया जाएगा. एनआईए में पदस्थापना के दौरान इन्वेस्टिगेशन में उत्कृष्ट कार्य के लिए अमरेश को केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित करने के लिए ऐलान किया गया. छग पुलिस के सब इंस्पेक्टर अजय सिन्हा को भी केंद्रीय गृह मंत्री पदक दिए जाएंगे.
कांकेर मुठभेड़ समेत कई ऑपरेशनों में विशेष योगदान
इस सम्मानित सूची में उन पुलिसकर्मियों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने कांकेर नक्सल मुठभेड़ समेत विभिन्न अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इनके साहस और निडरता के कारण इन अभियानों में सफलता प्राप्त हुई.
इनकी बहादुरी से ही अंतिम सांसें ले रहा नक्सलवाद
छत्तीसगढ़ का नाम पूरे देश में कभी नक्सल प्रभावित राज्य के रूप में नकारात्मक रूप में लिया जाता था. साल की शुरुआत में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सात राज्यों के डीजीपी और मुख्य सचिवों की बैठक लेकर नक्सलवाद के खात्मे के लिए खाका तैयार किया. छत्तीसगढ़ के पुलिस अफसरों और जवानों में उन्होंने ऐसा जोश भरा कि इसके बाद सिलसिलेवार मुठभेड़ों का दौर शुरू हो गया. कांकेर से लेकर नारायणपुर व बीजापुर में पुलिस अफसरों की रणनीति और मैदान में जवानों की बहादुरी से इसे अंजाम तक पहुंचाया गया. यही वजह रही कि अवॉर्ड सूची में छत्तीसगढ़ के जवानों व पुलिस अफसरों की संख्या पूरे देश में सर्वाधिक है.
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