
Top Naxalites Safe Zone Karregutta: कर्रेगुट्टा... छत्तीसगढ़ और तेलंगाना बॉर्डर के इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन लांच हुआ है. जिस जगह ये ऑपरेशन चल रहा है, ये नक्सलियों की बटालियन नंबर एक और टॉप कैडर्स के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित इलाका है.नक्सलियों के इस अभेद किले को ढहाने के लिए फोर्स के जवान यहां डटे हुए हैं. आइए जानते हैं ये नक्सलियों के लिए ये इलाका कितना सेफ जोन है ...
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छत्तीसगढ़ और तेलंगाना स्टेट बॉर्डर का कर्रेगुट्टा, कोत्तापल्ली, पुजारी कांकेर, धर्मावरम, नंबी का ऊपरी हिस्सा और इसके आसपास का इलाका नक्सलियों का सबसे ज्यादा सुरक्षित ठिकाना है. यहां नक्सली आसानी से बैठकें करते हैं. कई दिनों तक इनका डेरा होता है. इन इलाकों में नक्सली अपने लाल लड़ाकों को भी तैयार करते हैं. इस इलाके की स्थिति ऐसी है कि परिंदा भी पार नहीं मार सकता है. आम आदमी का पहुंचना तो बहुत दूर की बात है. लेकिन नक्सलियों के इस अभेद किले को ढहाने के लिए हजारों की संख्या में सुरक्षा बलों के जवान निकले हुए हैं.
यहां पर नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का मेंबर माड़वी हिड़मा, दामोदर, सुजाता, कट्टाराम चंद्र रेड्डी, गंगा, उर्मिला, मंगड़ू, अभय, विकल्प, पापाराव, देवा सहित अन्य कई बड़े नक्सलियों का अक्सर डेरा रहता है. बस्तर में हमले की साजिश यहीं बैठकर रचते हैं. गोला, असला, बारुद सहित अन्य बड़े हथियार भी यहीं सबसे ज्यादा हैं. ये नक्सली चारों ओर से कई लेयर्स की सुरक्षा के घेरे में होते हैं. वजह यही है कि कई बार एनकाउंटर में फंसने के बाद भी ये भाग निकले हैं. लेकिन इस बार इनके सामने सरेंडर करो या मरो की स्थिति बनी हुई है.
बॉर्डर पार करना भी आसान
ये पूरा इलाका छत्तीसगढ़ और तेलंगाना का बॉर्डर है.यहां डेरा डालकर बैठे नक्सली आसानी से बॉर्डर पार कर एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं. यहां कई सालों से नक्सलियों ने अपनी पैठ जमाकर इलाके में अपना आधिपत्य जमा लिया है. लेकिन इस इलाके से नक्सलियों को DRG, STF, COBRA, Bastar Fighters और CRPF की संयुक्त टीम घेरकर सबसे बड़ा ऑपरेशन चला रही है.
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