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This Article is From Oct 10, 2023

Gariaband : ग्राम पंचायत और प्रशासन से हारकर गांव वालों ने खुद ही की पानी की व्यवस्था, 4 महीने से थे परेशान

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में लोहारलारी गांव के लोग पिछले 4 महीने से पानी की समस्या से तंग चल रहे थे. उनकी समस्या का समाधान सरपंच और जिला प्रशासन द्वारा नहीं करने के बाद उन्होंने खुद ही चंदा कर पानी की व्यवस्था की.

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Gariaband : ग्राम पंचायत और प्रशासन से हारकर गांव वालों ने खुद ही की पानी की व्यवस्था, 4 महीने से थे परेशान
लोहारलारी गांव में पिछले 4 महीने से पीने की पानी की समस्या बनी हुई है.
गरियाबंद:

Chhattisgarh News : एक ओर जहां शासन-प्रशासन जनता की मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने का दावा करता है, वहीं दूसरी ओर आज भी कई ऐसे इलाके हैं जहां मूलभूत सुविधाएं सही से उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. गरियाबंद जिला मुख्यालय से महज 4 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत छिंदौला में कुछ ऐसी ही स्थिति है. बताया जा रहा है कि इस ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव लोहारलारी में पिछले 4 महीने से पीने की पानी की समस्या (Water Problem in Gariaband) बनी हुई है. गांव वालों ने बताया कि पिछले 4 महीने से गांव में नल जल योजना के तहत लगे नलों के केबल वायर और सबमर्सिबल पंप जल जाने की वजह से पानी आना बंद हो गया. जिसके चलते गांव के लोगों को एक से दो किमी दूर पानी लाने के लिए जाना पड़ता था. 

गांव वालों ने ये भी बताया कि नल खराब होने की शिकायत उन्होंने सरपंच से लेकर कलेक्टर के जन चौपाल में भी की. इसके साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों से पत्राचार कर शिकायत की, लेकिन उनकी किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई.

जिसके बाद गांव वालों ने मिलकर चंदा किया और गांव के लिए पानी की व्यवस्था की. गांव वालों ने बताया कि इस गांव में पानी की समस्या सिर्फ अभी ही नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से बनी हुई है. विडंबना तो ये है यह गांव गरियाबंद जिला मुख्यालय (Gariaband District Administration) से महज 4 किमी दूर है, फिर भी यहां के लोगों की गुहार प्रशासन से नहीं सुनी.

गांव वालों ने बताया कि सोलर टंकी का पानी पीने लायक नहीं है.

गांव वालों ने बताया कि सोलर टंकी का पानी पीने लायक नहीं है.

सोलर टंकी का पानी भी इस्तेमाल करने योग्य नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत पीएचई विभाग (PHE Department) के द्वारा उनके गांव में 14.50 लाख रुपए की लागत से सोलर टंकी का निर्माण कराया गया है, मगर सोलर टंकी का कनेक्शन जिस हैंड पंप से जोड़ा गया है उस हैंड पंप में काफी खराब पानी आता है. जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया और उस काम को बंद करवा दिया है.

अधिकारियों ने जल्द सुधार करने का दिया आश्वासन

गांव वालों की इस समस्या पर जब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता पंकज जैन से बात की गई तो उन्होंने जल्द से जल्द समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हमें आपके माध्यम से लोहारलारी में पानी की समस्या की जानकारी मिली है. नल जल योजना के तहत लगे नलों से पानी नहीं आ रहा है. चूंकि विभाग द्वारा कार्य पूर्ण कर इसे पंचायत को सौंप दिया गया था. इसलिए इसके रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्राम पंचायत की बनती है. अगर उनके द्वारा इसे ठीक नहीं कराया जा रहा है तो मैं तत्काल एक-दो दिन में व्यवस्था कर पानी की समस्या को दूर करवाता हूं.

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Photo Credit: गांव में लगे हैंड पंप से आयरन युक्त खराब पानी आता है.

पानी के लिए गांव वालों ने किया चंदा

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी की व्यवस्था नहीं होने के चलते महिलाओं और बच्चों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते हम सभी ग्रामीणों ने आपस में बैठकर निर्णय लिया और चंदा इकट्ठा कर कुछ नलों में पानी के लिए केबल वायर की व्यवस्था की. जिसके बाद पंप बनवाया गया और एक अन्य ग्रामीण के खेत से कनेक्शन लिया. तब जाकर पिछले दो दिनों से गांव के कुछ नलों से पानी आना शुरू हुआ है.

सरपंच और सचिव नहीं सुनते ग्रामीणों की शिकायत

लगभग 300 की जनसंख्या वाले इस गांव में लगे सभी हैंडपंप वर्तमान में या तो खराब पड़े हुए हैं या फिर उनमें से आयरन युक्त खराब पानी आ रहा है, जो पीने योग्य नहीं है. कुछ सालों पहले पीएचई विभाग के द्वारा नल जल योजना के तहत लाखों रुपए खर्च कर गांव में पीने के पानी के लिए नल की व्यवस्था की गई थी. मगर कुछ समय के बाद केबल वायर जलने के चलते ये नल बंद हो गए. गांव के सरपंच और सचिव को इस बारे में जानकारी दी गई, मगर ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और सचिव उनके गांव में न तो किसी बैठक और कार्यक्रम में आते हैं न ही उनकी शिकायत का कोई समाधान करते हैं.

सरपंच की अवहेलना के शिकार गांव वाले

पानी और अन्य मूलभूत समस्याओं को लेकर इस गांव के लोग पिछले काफी समय से समस्या झेल रहे हैं. ग्रामीणों ने जिन्हें जनप्रतिनिधि चुना है वे भी ग्रामीणों की समस्या से कोई सरोकार नहीं रखते. गांव वालों ने आरोप लगाया कि छिंदौला के सरपंच काफी समय से उनके गांव नहीं आए हैं और जब उनसे मुलाकात करने उनके घर जाते हैं तो घर वाले कहते हैं कि सरपंच घर में नहीं है. इसी तरह सचिव को भी पानी की समस्याओं से अवगत कराया था, लेकिन सचिव ने भी किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया.

गांव वालों ने बताया कि पानी की समस्या की शिकायत सरपंच से लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ.

गांव वालों ने बताया कि पानी की समस्या की शिकायत सरपंच से लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ.

कुछ साल पहले भी गांव वालों ने खुद से ही की थी पानी की व्यवस्था

इस पंचायत के पंच और लोहारलारी गांव के निवासी भगोली राम साहू ने बताया कि कुछ साल पहले भी पानी की ऐसी ही समस्या हो गई थी, तब तीन-तीन किलोमीटर दूर जाकर गांव की महिलाएं और लड़कियां पानी लाती थी. तब भी इसी तरह शासन-प्रशासन से गुहार लगाई थी, मगर जब सुनवाई नहीं हुई तो गांव की बाल रामायण मंडली को मिले पैसों से गांव में पानी की व्यवस्था करवाई गई थी.

पानी की समस्या के चलते शादी करने में हो रही रुकावट

गांव के बुजुर्ग काशीराम ने बताया कि पानी की समस्या के चलते उनको और उनके परिवार ने कठिनाई तो झेली ही है, इसके साथ सामाजिक तौर पर भी उनको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि गांव के लड़कों के लिए जब रिश्ता लेकर दूसरे गांव में जाते हैं और पानी की समस्या के बारे में लड़की वालों को पता चलता है तो वह यहां लड़की देने से मना कर रहे हैं.

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