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मरम्मत करने के नाम पर अधूरा पड़ा स्कूल भवन का निर्माण, पटवारी भवन के एक रूम में बैठाकर पढ़ने को मजबूर बच्चे 

CG News: कांकेर जिले में बच्चों को पढ़ाई की मूलभूत सुविधा सही तरह से नहीं मिल पा रही है. बच्चे स्कूल छोड़कर पटवारी भवन में अपनी पढ़ाई करने को मजबूर है. 

मरम्मत करने के नाम पर अधूरा पड़ा स्कूल भवन का निर्माण, पटवारी भवन के एक रूम में बैठाकर पढ़ने को मजबूर बच्चे 
अधूरा पड़ा है प्राथमिक शाला का कार्य

Kanker Students in Problem: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांकेर (Kanker) जिले में स्कूल जतन योजना (School Jatan Yojana) के नाम पर खिलवाड़ देखने को मिला है. यहां के एक गांव में बच्चों के पास अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए स्कूल भवन नहीं है. स्कूल भवन के अभाव में गांव के ही पटवारी भवन (Patwari Bhawan) के एक कमरे में पांच कक्षाएं एक साथ चलाई जा रही है. एक साल पहले मिली स्कूल मरम्मत की स्वीकृति के बाद भी कार्य पूरा नहीं होने से ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.

योजना के तहत पास हुए थे नौ लाख रुपये

पूरा मामला कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक के वनांचल ग्राम पंचायत बांसकुंड का है. यहां स्थित प्राथमिक शाला भवन के जीर्णोद्धार के लिए स्कूल जतन योजना के तहत नौ लाख 60 हजार रुपये की स्वीकृति 28 जून 2023 में ही दे दी गई थी. लेकिन, नए सत्र की पढ़ाई शुरू होने के बाद भी स्कूल भवन की मरम्मत पूरी नहीं हो पाई है. ठेकेदार और विभाग के सुस्त रवैये के चलते बच्चों का स्कूल भवन अब तक तैयार नहीं हो पाया है. मजबूरन कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवीं तक के बच्चों को एक साथ एक ही रूम में बैठ कर पढ़ना पड़ रहा है. 

पटवारी भवन में चल रही शाला

पटवारी भवन में चल रही शाला

ग्रामीणों ने जाहिर किया अपना दुख

इलाके के ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार ने स्कूल की मरम्मत का कार्य जून-जुलाई माह में शुरू किया है. लेकिन, अब तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है. ठेकेदार के काम अधूरा छोड़ने से ग्रामीण और पालक परेशान है. 

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चरण बद्ध तरीके से हो रहा है काम-जिला शिक्षा अधिकारी

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल से जब NDTV ने सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि स्कूल जतन के जितने भी कार्य स्वीकृत है, इसमें से पहले दूसरे चरण के कार्य लगभग पूरा हो चुका है. तीसरे चरण में जो स्वीकृत हुई है, वही कार्य अधूरे है. इसमें भानुप्रतापपुर ब्लॉक के कई कार्य अपूर्ण है. जिनका जिला पंचायत सीईओ ने बैठक ली है और 15 दिनों के अंदर पूर्ण करने का निर्देश दिया है.

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