Naxali Commander Madvi Hidma Encounter: सुकमा जिले के दूरस्थ इलाके में भावुक माहौल बना हुआ है. NDTV की टीम हिड़मा के घर पहुंची. माओवादियों के सबसे खतरनाक कमांडर माड़वी हिड़मा का शव सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसके पैतृक गांव लाया जा रहा है. घर में हिड़मा की बुजुर्ग मां मौजूद हैं. वे लगातार रोते हुए बेटे की याद में बिलख रही हैं. घर परिवार के अन्य सदस्य भी सदमे में हैं और फूट-फूटकर रो रहे हैं. पूरा घर मातम में डूबा हुआ है. वहीं ग्रामीण इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात हैं. हिड़मा के शव के गांव आने की सूचना मिलते ही आसपास के गांवों से भी लोग जुटने लगे हैं. सुरक्षा बल सतर्क हैं.
देखिए NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की सीमा पर स्थित घने जंगलों में सुरक्षा बलों ने बड़े माओवादी कमांडरों में से एक माड़वी हिड़मा को मार गिराया है. इस मुठभेड़ में हिड़मा की दूसरी पत्नी राजे ऊर्फ राजक्का के भी मारे जाने की खबर है. हिड़मा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पूवर्ति गांव का रहने वाला था. सरकार ने उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. वह माओवादियों के सबसे घातक बटालियन नंबर-1 का प्रमुख था. अभी एक हफ्ते पहले ही उसकी मां ने उससे आत्मसमर्पण कर शांति के रास्ते पर लौट आने की अपील की थी.

कहां पैदा हुआ था हिड़मा?
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पूवर्ति गांव में लगभग 1981 में पैदा हुए माड़वी हिड़मा ऊर्फ संतोष भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य था.वह छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके से पार्टी की सेंट्रल कमेटी तक पहुंचने वाला एकमात्र आदिवासी था.सुरक्षा बलों को उसकी पिछले कई सालों से तलाश थी. सरकार ने उसके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सुरक्षा बलों की भारी तैनाती या दिखावे के बिना, खुद बाइक से हिड़मा के गांव पूवर्ती पहुंचे.उन्होंने गांव के बीच जाकर हिड़मा की मां से मुलाकात की थी. उपमुख्यमंत्री ने हिड़मा के घर में समय बिताया था. इस दौरान उन्होंने हिड़मा की मां से कहा था,''अब हिंसा का कोई अर्थ नहीं रह गया है. बेटा आपका है, उसे लौटना चाहिए. आत्मसमर्पण ही अब सही रास्ता है.''
कितने हमलों की बनाई थी योजना?
माड़वी हिड़मा पर छत्तीसगढ़ में हुए कई माओवादी वारदातों की साजिश रचने का आरोप था. इन हमलों में सैकड़ों आम लोगों और सुरक्षा बलों के जवानों की मौत हुई थी. उस पर 2013 में झीरम घाटी नरसंहार की भी साजिश रचने का आरोप था, जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व की मौत हो गई थी.
उस पर सुकमा जिले के ताड़मेटला में छह अप्रैल 2010 को हुए हमले की भी योजना बनाने का आरोप था, जिसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे. इसे देश में सुरक्षा बलों पर हुआ सबसे बड़ा हमला माना जाता है. वहीं सुकमा जिले के झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर भी हमला करने का आरोप हिड़मा पर था. यह हमला 25 मई 2013 को हुआ था. इसमें नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था और 27 लोगों की हत्या कर दी थी. मारे गए लोगों में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल थे.
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