
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के मानकापाल बालक आश्रम से मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली लापरवाही सामने आई है. यहां बच्चों की थाली से महीनों से पौष्टिक आहार गायब था. भोजन के नाम पर सिर्फ चावल और नमक परोसा जा रहा था. शिकायत पर कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने तुरंत संज्ञान लिया और प्रभारी अधीक्षक जयप्रकाश बघेल को निलंबित कर दिया.
कलेक्टर के निर्देश पर सहायक आयुक्त हेमंत सिन्हा और मंडल संयोजक ने मौके पर पहुंचकर आश्रम का निरीक्षण किया. जांच में साफ हुआ कि बच्चों को पौष्टिक आहार की जगह सिर्फ नमक–भात दिया जा रहा है.
अधिकारियों ने मौके पर अधीक्षक को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल रिपोर्ट सौंपी. इसके आधार पर सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन और पद का दुरुपयोग मानते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई। निलंबन अवधि में बघेल का मुख्यालय बीईओ कार्यालय होगा और उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा.
42 बच्चों की बदहाली, कर्मचारी भी नाराज
मानकापाल बालक आश्रम 100 सीटर है, लेकिन वर्तमान में यहां 42 बच्चे ही रह रहे हैं. आश्रम में एक महिला समेत चार कर्मचारी पदस्थ हैं. कर्मचारियों का कहना है कि अधीक्षक न तो समय पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते थे और न ही तेल–मसाले का इस्तेमाल करते थे. कई बार मांग की गई, पर अनदेखी होती रही. बच्चों को मजबूरी में सिर्फ नमक–भात खाकर रहना पड़ता था.
स्थानीय प्रतिनिधियों ने की थी शिकायत
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आश्रम की दुर्दशा की शिकायत सीधे कलेक्टर से की थी. बुधवार को जब सहायक आयुक्त व मंडल संयोजक निरीक्षण पर पहुंचे तो बच्चों की थाली देखकर हैरान रह गए. केवल चावल और नमक परोसने की पुष्टि होते ही प्रशासन हरकत में आया. कलेक्टर देवेश ध्रुव ने साफ कहा कि आश्रमों और छात्रावासों में रहने वाले बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य और पौष्टिक भोजन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि समय–समय पर आश्रमों की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन और सुविधाएं मिलें.
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