
Bilaspur News: छत्तीसगढ़ में SECL कोल परियोजना से जुड़े भू विस्थापित कथित भेदभाव पूर्ण रवैया को लेकर नाराज हैं. लिहाजा रायगढ़ और कोरबा जिले से हज़ारों की संख्या में एसईसीएल बरौद भू विस्थापित परिवारों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर बिलासपुर CMD मुख्यालय पर आक्रोश रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया.
दरअसल, विस्थापित परिवार लंबे समय से विस्थापन लाभ बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. 10 जनवरी 2024 को एसईसीएल प्रबंधन और विस्थापित परिवारों के बीच हुई दो पक्षीय बैठक में सहमति बनी थी कि सराईपाली परियोजना के ग्राम बुड़बुड़ के आधार पर बरौद विस्थापितों को 3 लाख रुपये के अतिरिक्त राशि और 5 लाख रुपये बोनस राशि दी जाएगी.
शर्त यह थी कि भू-विस्थापित परिवार एक साथ अपने मकानों को ध्वस्त करने के लिए तैयार हों. ग्राम पंचायत ने इस पर सहमति जताकर प्रस्ताव क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दिया, लेकिन 15 महीने बीतने के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
ग्रामीणों ने दी बड़ी चेतावनी
NTPC प्रशासन का कहना है कि कोल परियोजना पर अंतिम निर्णय जल्द लिया जाएगा, लेकिन ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे चुका है. SECL प्रभावितों ने चेतावनी भरे स्वर में कहा "ग्राम पंचायत बरौद की आमसभा ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि 16 अप्रैल 2025 तक समझौते के अनुसार लाभ नहीं दिया जाता, तो बरौद कोल परियोजना पर अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी. जिसकी पूरी जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन की होगी.
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