विज्ञापन
This Article is From Aug 07, 2023

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सभी दलों को चुनौती देगा सर्व आदिवासी समाज

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में, सर्व आदिवासी समाज द्वारा अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारने को पूरी तरह तैयार कर ली गयी है. दोनों ही प्रमुख दलों के अलावा अन्य दलों को दिक्कत में डाल सकती है सर्व आदिवासी समाज.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सभी दलों को चुनौती देगा सर्व आदिवासी समाज
दिवासी समाज के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव सर पर है और ऐसे में दोनों ही प्रमुख दलों के अलावा अन्य दलों ने अपनी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है. इसी बीच बस्तर से एक चौंकाने वाली राजनीतिक खबर निकल कर सामने आ रही है जो निश्चित तौर पर सभी दलों को चिंता में डाल सकती है. दरअसल आने वाले विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारने को पूरी तरह तैयार कर ली है.

बस्तर में  सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने आज जगदलपुर में पत्रकार वार्ता कर ये  ऐलान कर दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आदिवासी समाज द्वारा अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा जाएगा. जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है और ऐसे में यह दिन आदिवासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है पर इस बार छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के लिए यह दिन और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होगा जिसके पीछे वजह है कि छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सर्व आदिवासी समाज चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुका है.

 चुनाव लड़ने को लेकर अरविंद नेताम ने कहा कि सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 30 सीट आरक्षित है उसमें अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे और साथ ही साथ 20 ऐसे अनारक्षित सीटों को भी चिन्हित किया गया है जहां आदिवासी वोटरों की संख्या 20000 से लेकर 70000 तक है. ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में भी आदिवासी समाज के लोगों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है.

इसके अलावा अन्य समाज को भी चुनावी मैदान में उतरने के लिए आमंत्रण दिया गया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी, दोनों ही राजनीतिक दलों से दुखी हैं. दोनों ही पार्टियों को भरपूर समय मिला पर उन्होंने केवल आदिवासियों के साथ छल किया है और उनके हित के लिए कभी कोई काम नहीं किया है. जिस वजह से आहत होकर आदिवासियों को यह फैसला लेना पड़ा. चुनाव लड़ने को लेकर सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है और इसके लिए पैनल भी तैयार कर लिया गया है.

भानुप्रतापपुर के नतीजों से बढ़ा उत्साह


हाल ही में हुए भानूप्रतापपुर के उपचुनाव में भी सर्व आदिवासी समाज ने अपने प्रत्याशी के तौर पर अकबर राम कोर्राम को मैदान में उतारा था, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें 23417 वोट प्राप्त हुए थे. अरविंद नेताम ने कहा कि भानूप्रतापपुर उपचुनाव के नतीजों ने हमें और भी ज्यादा उत्साहित किया है. हमें  उम्मीद है कि इस विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज जिस उद्देश्य से चुनाव में उतर रहा है वह पूरा करें.

उन्होंने कहा कि ये कोई राजनीतिक चुनाव नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए एक राजनीतिक आंदोलन है. जिससे आदिवासी अपने समाप्त हो रहे अस्तित्व को बचाने की एक नई लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के निर्माण को 23 वर्ष बीत गए हैं और इन  23 वर्षों में दोनों ही पार्टियों ने  छत्तीसगढ़ को जमकर लूटा है और आदिवासियों के अस्तित्व को समाप्त करने की भरपूर कोशिश की है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. 

मिली जानकारी के अनुसार, भानूप्रतापपुर उपचुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने दोनों ही प्रमुख दलों को जमकर परेशान किया था. कांग्रेस, भाजपा से ज्यादा सर्व आदिवासी समाज से परेशान थी और यही वजह है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा से ज्यादा सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी को अपना निशाना बना रहे थें.


अरविंद नेताम कांग्रेस के दिग्गज नेता रह चुके हैं और स्वर्गीय इंदिरा गांधी के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के द्वारा उन्हें शोकाज नोटिस दिया गया था, जिसका जवाब उन्होंने दे दिया है. अब तक पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया है, उन्होंने कांग्रेस की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा को पत्र लिखकर कहा है कि उनके मामले पर पार्टी जल्द से जल्द फैसला ले.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close