
राजनांदगांव में राज्य सरकार द्वारा 2015 में दी गई 20 सिटी बसों में से 14 की हालत बेहद खराब हो गई है. 5 करोड़ की लागत से आई इन बसों का शुभारंभ तब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था और अब ये बस बिना चले ही कबाड़ा हो गई हैं. उस समय समिति ने इन बसों के संचालन की जिम्मेदारी निजी बस कंपनी को दी थी लेकिन अब 20 में से 14 बसें गायब ही हो गई हैं.
इन बसों को शहर के पुराने बस स्टैंड के अलावा रेवाड़ी स्थित डिपो में खड़ा किया गया था ये बसें यहां करीब दो साल से खड़ी रही और खड़े- खड़े ये बस कबाड़ा हो गईं.

5 करोड़ की लागत से आई 20 बसों में से 14 बसें कबाड़ा हो गईं. परिवहन विभाग की घोर लापरवाही से जनता के पैसे पानी की तरह हो गए बर्बाद
जनता का पैसा यूं हो रहा है बर्बादयहां के प्रशासन और परिवहन विभाग का नाकारापन तो देखिए जनता का पैसा किस तरह से बर्बाद किया जा रहा है और परिवहन विभाग की इसमें मौन स्वीकृति भी नजर आ रही है. इंतिहा तो देखिए कि बसों के मरम्मत के लिए नगर निगम ने शासन को एक करोड़ 90 लाख रूपए का इस्टीमेट भी भेज दिया है.
पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह की थी योजनाशहर के लोगों को और आसपास के लोगों को सस्ती दरों में यातायात सुविधा उपलब्ध कराने या कहें बस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन ने ये योजना चलाई थी कि लेकिन अब यह योजना धरातल पर दम तोड़ती हुई नजर आ रही है. जनता की भलाई के लिए चलाई गई ये योजना नाकारापन और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है.
नगर निगम ने भेजा मेंटेनेंस का प्रपोजलसिटी बसों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार को नगर निगम राजनांदगांव ने प्रपोजल भेजा है ताकि इसका मेंटेनेंस कराया जा सके और मेंटेनेंस में लगभग एक करोड़ 90 लख रुपए का प्रपोजल प्रशासन को भेजा गया है. शायद ये प्रपोजल पास भी हो जाए क्वयोंकि जनता का पैसा है. वहीं कांग्रेस ने इस योजना को रमन सिंह की फ्लॉप योजना बताया था.