![Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: यूपी के साथ-साथ अब 'छत्तीसगढ़ के प्रयागराज' में जुटेंगे संत, आज से महाशिवरात्रि तक है राजिम कुंभ Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: यूपी के साथ-साथ अब 'छत्तीसगढ़ के प्रयागराज' में जुटेंगे संत, आज से महाशिवरात्रि तक है राजिम कुंभ](https://c.ndtvimg.com/2025-02/sd3ttucg_rajim-kumbh-kalp-2025_625x300_12_February_25.png?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: राजिम कुंभ कल्प (Rajim Kumbh Kalp) की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान बनी है. इस आयोजन से सांस्कृतिक समृद्धि, धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है. इस बार के मेले (Rajim Kumbh Mela 2025) में विशाल संत समागम, यज्ञ, प्रवचन, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम विशेष आकर्षण होंगे. राजिम कुंभ कल्प धर्म, आस्था और संस्कृति का संगम होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक शांति का संदेश भी देता है. यह मेला छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा और लोक संस्कृति का जीवंत प्रमाण है. छत्तीसगढ़ के प्रयाग के रूप में प्रसिद्ध राजिम में माघ पूर्णिमा (Magha Purnima) से महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) तक आयोजित होने वाले राजिम कुंभ कल्प 2025 की भव्य तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इस वर्ष का आयोजन 12 फरवरी से 26 फरवरी 2025 तक होगा. आज शुभारंभ अवसर पर पार्श्व गायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) की प्रस्तुति होगी.
मंत्रों की गूंज, शंखनाद की मधुर ध्वनि और आस्था का अविरल प्रवाह
— Chhattisgarh Culture Department (@CGCultureDeptt) February 6, 2025
राजिम कुंभ कल्प 2025
आइए, इस पावन उत्सव का हिस्सा बनें!
दिनांक: 12 से 26 फरवरी 2025 तक
स्थान: राजिम, छत्तीसगढ़#राजिम_कुंभ_कल्प_2025 #छत्तीसगढ़ pic.twitter.com/IHjShByv2h
नए मेला स्थल में भव्य आयोजन
नया मेला स्थल चौबे बांधा, राजिम में लगभग 54 एकड़ में यह भव्य मेला लगेगा. राज्यपाल रमेन डेका 12 फरवरी को इस पवित्र मेले का शुभारंभ करेंगे. उनके साथ विशिष्ट संत महापुरुषों की उपस्थिति इस आयोजन को और भी दिव्य बनाएगी. इस वर्ष के राजिम कुंभ कल्प में देशभर के संत, महंत और आध्यात्मिक गुरु अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. शुभारंभ समारोह में शंकराचार्य आश्रम रायपुर के दंडी स्वामी डॉ. इंदुभवानंद तीर्थ जी महाराज, दूधाधारी मठ रायपुर के राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी महाराज, संत विचार साहेब जी महाराज (श्री कबीर संस्थान, रायपुर), स्वामी डॉ. राजेश्वरानंद जी महाराज (सुरेश्वर महादेव पीठ, रायपुर) सहित अनेक संतों की उपस्थिति इस धार्मिक आयोजन की गरिमा को और बढ़ाएगी.
छत्तीसगढ़ की आस्था का महापर्व राजिम कुंभ कल्प,
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) February 11, 2025
त्रिवेणी संगम सजेगा आस्था की ज्योति और संस्कृति के विविध रंगों से
इस दिव्य और अलौकिक आयोजन का हिस्सा बनें।
तारीख- 12 से 26 फरवरी, 2025 pic.twitter.com/gcU1AgQr2g
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मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को राजिम कुंभ कल्प और शिबरीनारायण मेले की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 12 फरवरी से महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर प्रारंभ हो रहा राजिम कुंभ कल्प न केवल छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि इसकी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का जीवंत संगम भी है.
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विष्णु देव साय
धर्म, आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम है "राजिम कुंभ कल्प"
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) February 11, 2025
आइए, माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होने वाले इस वैभवशाली आयोजन के साक्षी बनें और सनातन संस्कृति की दिव्यता में डुबकी लगाएं।#राजिम_कुंभ_कल्प pic.twitter.com/ikxXB0b4JB
मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ पूर्णिमा के अवसर पर शिवरीनारायण में महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के पावन संगम पर मेले का आयोजन होता है, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ कल्प और शिवरीनारायण मेला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये आयोजन प्रदेश की समृद्ध परंपराओं और आध्यात्मिक चेतना को सशक्त करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं.
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कुंभ कल्प में होंगे भव्य कार्यक्रम
राजिम कुंभ कल्प में धार्मिक अनुष्ठानों, प्रवचनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला होगी. त्रिवेणी संगम में प्रतिदिन संध्या 6.30 बजे महानदी आरती, मुख्य मंच, नया मेला स्थल, चौबे बांधा में शाम 4 बजे से 7 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा.
- पूज्य डॉ. संजय कृष्ण सलिल जी महाराज, नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा 13 फरवरी से 19 फरवरी तक शाम 4 से 7 बजे तक भागवत कथा होगी.
- संत गुरूशरण जी महाराज पंडोखर सरकार, दतिया द्वारा 21 फरवरी से 25 फरवरी तक सत्संग दरबार लगेगा.
- 12 फरवरी से 26 फरवरी तक राष्ट्रीय एवं आंचलिक कलाकारों द्वारा शाम 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी.
राजिम कुम्भ कल्प 2025 – आस्था, अध्यात्म और संस्कृति का महासंगम!
— Chhattisgarh Tourism (@GoChhattisgarh) February 11, 2025
पवित्र महानदी के तट पर श्रद्धा और भक्ति का दिव्य नजारा, मंत्रों की गूंज और आस्था की ज्योति का होगा उजास! #राजिम_कुंभ_कल्प_2025 #छत्तीसगढ़ #Rajimkumbhkalp2025 #Chhattishgarh #gochhattisgarh #kumbh pic.twitter.com/svsWsbqKQG
क्या है इस कुंभ का महत्व?
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित महानदी, पैरी और सोंधूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है. विभिन्न पुराणों में इसे पद्मक्षेत्र या कमलक्षेत्र के रूप में उल्लेखित किया गया है. यहाँ के प्रमुख मंदिर-राजीवलोचन (विष्णु) और कुलेश्वर (शिव) का धाम हरिहर क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि जगन्नाथपुरी की यात्रा, राजिम के साक्षी गोपाल के दर्शन से ही पूर्ण मानी जाती है. यहां प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक विशाल धार्मिक मेला आयोजित किया जाता है. प्राचीन काल से चली आ रही इस परंपरा को ही राजिम कुंभ (कल्प) के रूप में मान्यता दी गई. इस दौरान कल्पवास, पर्व स्नान, धर्म प्रवचन, संत समागम और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है, जिसमें देशभर से तीर्थयात्री, नागा साधु, संन्यासी, विभिन्न पंथों-अखाड़ों के संत, महंत, मंडलेश्वर और जगद्गुरु शंकराचार्य पधारते हैं.
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