Raipur लाइट मेट्रो पर हैवी घमासान, मॉस्को से मेयर का करार, क्यों रूठ गए सरकार! चुनावी स्टंट या जरूरत?

Raipur Metro: उपमुख्यमंत्री अरुण साव का कहना है कि रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने रायपुर की जनता के साथ भद्दा मजाक किया है, जनता के साथ धोखा किया है, एक निजी यात्रा मॉस्को की, राज्य सरकार की अनुमति नहीं ली, केन्द्र सरकार की अनुमति नहीं ली और लाइट मेट्रो के लिए एमओयू कर रहे हैं, इससे भद्दा मजाक रायपुर की जनता के साथ हो नहीं सकता, बिना अधिकारिता के उन्होंने ये एमओयू किया है, जिसका कोई आधार नहीं है.

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Raipur Light Metro: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में लाइट मेट्रो (Light Metro) के संचालन पर सियासत तेज हो गई है. लाइट मेट्रो के संचालन पर शहर (Nagar Nigam Raipur) और राज्य (Chhattisgarh Government) सरकार आमने-सामने हैं. एक सरकार (Raipur Nagar Nigam) जनता को जल्द लाइट मेट्रो का सौगात देने का दावा कर रही है, तो वहीं दूसरी सरकार (Vishnu Deo Sai Government) इसे राजनीतिक फायदे (Political Issue) के लिए जनता से धोखा बता रही है. देखिए NDTV की खास रिपोर्ट...

क्यों जरूरी है मेट्रो?

2013 में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 4 लाख पंजीकृति गाड़ियां थीं. 2023 आते आते इसमें लगभग 6 गुना इजाफा हो गया और अब यहां 23 लाख से अधिक गाड़ियां दौड़ रही हैं. रायपुर मेयर (Raipur Mayor) ट्रैफिक से निजात दिलाने रूस की यात्रा कर आए हैं. कह रहे हैं कि शहर में लाइट मेट्रो चलेगी जिसके लिये सरहद पार से करार हुआ है.

रायपुर महापौर एजाज ढेबर कहते हैं कि रायपुर में लाइट मेट्रो चलाने की टेक्नोलॉजी के प्रस्तुतिकरण को मैंने देखा, वहां 1866 से मेट्रो चल रही है, एक ज्वाइंट एमओयू हुआ रायपुर नगर निगम और मॉस्को शहर के बीच में.

राज्य सरकार ने बताया धोखा

हालांकि रायपुर मेयर का ये सपना राज्य सरकार को रास नहीं आया, उप मुख्यमंत्री इसे धोखा बता रहे हैं. ट्रेन चले उससे पहले बयानों की रेल पूरी रफ्तार से दौड़ रही है. मेयर अपनी यात्रा के सरकारी होने के प्रमाण दे रहे हैं. वहीं राज्य सरकार का कहना है कि ये सब चुनावी स्टंट है.

उपमुख्यमंत्री अरुण साव का कहना है कि रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने रायपुर की जनता के साथ भद्दा मजाक किया है, जनता के साथ धोखा किया है, एक निजी यात्रा मॉस्को की, राज्य सरकार की अनुमति नहीं ली, केन्द्र सरकार की अनुमति नहीं ली और लाइट मेट्रो के लिए एमओयू कर रहे हैं, इससे भद्दा मजाक रायपुर की जनता के साथ हो नहीं सकता, बिना अधिकारिता के उन्होंने ये एमओयू किया है, जिसका कोई आधार नहीं है.

सियासी सफर हो गया है शुरू 

इसके जवाब में मेयर एजाज ढेबर का कहना है कि कुछ महानुभाव मेरी यात्रा को निजी यात्रा बता रहे हैं, लेकिन मेरे पास मौजूद दस्तावेज प्रमाण हैं कि मेरी टिकट मास्को से वहां की सरकार द्वारा कराई गई, वहां ट्रांसपोर्ट समिट हुआ, जिसमें भारत से मुझे प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला.

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इस पर अरुण साव ने फिर सवाल दागा और पूछा कि इस एमओयू के लिए फंड कहां से आया? टेक्निकल स्वीकृति कैसे मिलेगी? इसका कोई जिक्र नहीं है, आने वाले चुनाव में फायदा लेने के लिए रायपुर की जनता से भद्दा मजाक कर रहे हैं.

जिस लाइट मेट्रो को लेकर घमासान मचा है जान लेते हैं वो है क्या?

Raipur Light Metro: क्या है लाइट मेट्रो?
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

रायपुर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव के बीच लाइट मेट्रो शहर की जरूरत है, हालांकि इस जरूरत को पूरा करने के लिए जनता को और कितने सियासी दांवपेंच झेलने होंगे ये भविष्य में ही देखने को मिलेग.

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