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This Article is From Mar 05, 2024

बालोद में बिजली कटौती से जनता परेशान,  कहा- पीने को पानी नहीं नसीब, कहां जाएं हम ? 

Power Cut in Balod: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बालोद (Balod) जिले के सुदूर वनांचल (Vananchal) के गांव कोड़ेकसा (Kodeksa) में बिजली को लेकर अजीब स्थिति हैं. बालोद जिले के इस गांव में पड़ोसी जिले मानपुर मोहला (Manpur Mohla) से बिजली की सप्लाई हो रही हैं. यहां आए दिन बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण परेशान हैं.

बालोद में बिजली कटौती से जनता परेशान,  कहा- पीने को पानी नहीं नसीब, कहां जाएं हम ? 
Power Cut in Balod: बालोद में बिजली कटौती से जनता परेशान

Power Cut in Balod: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बालोद (Balod) जिले के सुदूर वनांचल (Vananchal) के गांव कोड़ेकसा (Kodeksa) में बिजली को लेकर अजीब स्थिति हैं. बालोद जिले के इस गांव में पड़ोसी जिले मानपुर मोहला (Manpur Mohla) से बिजली की सप्लाई हो रही हैं. यहां आए दिन बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण परेशान हैं. बिजली बंद होने पर उसे सुधारने के लिए ग्रामीण मानपुर मोहला जिले के कर्मचारियों पर आश्रित हैं. वहीं, इन दिनों बिजली की आंख-मिचौली का असर बारहवी और दसवीं बोर्ड परीक्षा देने वाले बच्चो पर पर पड़ रहा है और अभी बारहवी व दसवीं का बोर्ड परीक्षा जारी है. बिजली के कटौती के चलते सिंचाई कार्य भी बुरी तरह प्रभावित है. अब ऐसे में 52 सालों बाद जब बालोद जिले से कोड़ेकसा गांव में बिजली आपूर्ति किये जाने की कार्रवाई शुरू हुई है तो पोल लगाने का काम भी शुरू हुआ... लेकिन इसी बीच वन विभाग बाधा बनते हुए पोल लगाने में रुकावट पैदा कर दी हैं. 

वन और बिजली विभाग एक दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा 

मिली जानकारी के मुताबिक, वन विभाग ने पोल लगाने में आपत्ति दर्ज कर दी है..जिसकी वजह से ग्रामीण और भी ज्यादा परेशान हो गए हैं. वन विभाग और बिजली विभाग की आपसी तनातनी से बेवजह ग्रामीण परेशान हो रहे हैं....वन विभाग कहता है कि फारेस्ट में विधुत कनेक्शन कार्य के लिए पेड़ काटे जाएंगे, जिसके लिए विधुत विभाग ने NOC नहीं ली है. इधर, विधुत विभाग के जिम्मेदार कहते है की सड़क किनारे पोल लगाने का काम किया जा रहा है, जिसमें एक भी पेड़ नहीं कट रहा है. ऐसे में गांव के ग्रामीणों ने सोमवार को बालोद जिला मुख्यालय में पहुंच कर कलेक्टर से बिजली की समुचित व्यवस्था के लिए गुहार लगाई हैं.. कितनी बड़ी विडंबना है कि आजादी के 77वर्ष बाद भी आज ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है. इस तरफ न आज शासन-प्रशासन ने ध्यान दिया और न ही जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को कोई सरोकार है....जिसका ख़ामियाजा आज ग्रामीण भुगत रहे हैं...

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बालोद ज़िले में चरमराई बिजली आपूर्ति व्यवस्था 

दरअसल, बालोद जिले के आख़िरी छोर में मानपुर मोहला जिले से लगा कोड़ेकसा के पास एक आश्रित गांव झीकाटोला है. यहां के ग्रामीणों की माने तो गांव में 1971 से तत्कालिक राजनांदगांव जिले के समय से गोटाटोला सब स्टेशन से बिजली की आपूर्ति हो रही है. ग्रामीणों का दर्द है कि 12 साल से अधिक बालोद को जिला बने हो गया, लेकिन आज भी यहां के ग्रामीण विधुत के लिए अन्य जिले पर निर्भर है.. इतना ही नहीं, जब कभी बिजली की सप्लाई बंद होती है तो ग्रामीणों को और ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.. ग्रामीण जब डौंडीलोहारा के कर्मचारियों को फोन लगाते हैं तो वे कर्मचारी मोहला के विधुत कर्मियों से तालमेल बनाते है... वहीं, जब तालमेल नहीं बन पाता... तो इस वजह से गांव में कई घंटे तो कभी कई दिनों तक विधुत आपूर्ति बंद रहती है जिसकी वजह से पेयजल की समस्या, खेती किसानी में समस्या, रोजाना की दिनचर्या ग्रामीणों की पूरी तरह प्रभावित रहती हैं. ऐसे में बेचारे गांव वासी कहां जाए? 

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