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Chhattisgarh: सरकारी स्कूल में बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़! विद्यालय के गिरते दीवारों के बीच शुरू हो रही नए सत्र की पढ़ाई

Playing with the lives of children in government schools: बेमेतरा जिले में तीन दिनों बाद नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन स्कूल कैंपस में स्थित जर्जर भवनों को अब तक डिस्मेंटल नहीं किया गया है. वहीं शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही के चलते सौकड़ों स्कूली बच्चों की जिंदगी दाव पर लगी हुई है.

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Chhattisgarh: सरकारी स्कूल में बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़! विद्यालय के गिरते दीवारों के बीच शुरू हो रही नए सत्र की पढ़ाई

नई शिक्षा सत्र की शुरुआत 18 जून से शुरू हो जाएगी, लेकिन छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के 195 स्कूलों के बच्चे को अपने जिंदगी दाव पर लगाकर खतरे से जूझना पड़ेगा. दरअसल, इन स्कूलों के कैंपस में पुराने जर्जर भवन आज भी खड़े हैं, जिसे शिक्षा विभाग की ओर से डिस्मेंटल कराने के आदेश अब तक नहीं मिले हैं. जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना घट सकती है. दरअसल, लंच के दौरान बच्चे इन भवनों के आसपास खेलते हुए नजर आते हैं.

बेमेतरा जिले के अंतर्गत बेमेतरा, साजा, नवागढ़ व बेरला ब्लॉक आते हैं, जिसमें 195 स्कूल भवन तोड़ने लायक है. इसमें हायर सेकेंडरी के भी स्कूल शामिल हैं.

139 प्राथमिक, 53 पूर्व माध्यमिक और 3 हायर सेकेंडरी स्कूल अति जर्जर हालत में

बेमेतरा ब्लॉक के 55 प्राथमिक स्कूल, 20 पूर्व माध्यमिक स्कूल और 1 हायर सेकेंडरी स्कूल जर्जर है. वहीं बेरला ब्लॉक के 40 प्राथमिक स्कूल, 13 पूर्व माध्यमिक और एक हायर सेकेंडरी स्कूल जर्जर स्थिति में है. साजा ब्लॉक के 4 प्राथमिक और 1 पूर्व माध्यमिक स्कूल की हालत खराब ह. नवागढ़ ब्लॉक से 40 प्राथमिक, 19 पूर्व माध्यमिक और एक हायर सेकेंडरी स्कूल जर्जर है.

हालांकि इसमें से 139 प्राथमिक और 53 पूर्व माध्यमिक और तीन हायर सेकेंडरी स्कूल अति जर्जर हो चुके हैं. यह कभी भी भरभरा कर गिर सकते हैं. इधर, स्कूली बच्चों के परिजनों ने कई बार राज्य शासन और जिला प्रशासन से भवन तोड़ने के लिए अनुरोध किया हैं, लेकिन जिले स्तर के अधिकारी इन स्कूलों के हाल तक लेने नहीं आए.  

मरम्मत के नाम पर पैसों का लिया गया बंदर-बाट

नवागढ़ ब्लॉक में स्कूल के प्लास्टर गिरने से कई स्कूली बच्चे घायल हो गए थे, जिसके बाद तत्कालीन कांग्रेस की सरकार की ओर से स्कूल जतन योजना के माध्यम से स्कूल भवन के मरम्मत के नाम पर लगभग जिले को एक अरब की राशि जारी की गई थी, लेकिन अधिकारियों ने मिली भगत कर स्कूल मरम्मत के नाम पर बंदर-बाट कर लिया गया.

जर्जर स्कूल भवन के डिस्मेंटल के सवाल पर नहीं दिया जवाब

वहीं इस पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ कमल कपूर बंजारे का कहते हैं कि स्कूल जतन योजना के तहत मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. कुछ जगह बाकी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिन जर्जर स्कूल भवनों में संचालन किया जा रहा है, उनसे दो पारियों में किया जाएगा. हालांकि कैंपस के अंदर खाली पड़े जर्जर स्कूल भवन के डिस्मेंटल कराने के सवाल पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने इतना जरूर कहा कि स्कूलों के प्राचार्य व प्रधान पाठकों से जानकारी मांगी गई है और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं.

कुछ दिनों बाद अधिकारी और नेता बड़े ही धूमधाम से उत्सव के साथ सत्र की शुरुआत करेंगे, लेकिन क्या प्रशासन इन जर्जर भवनों की डिस्मेंटल करेंगे या मासूम बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करेंगे.

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