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Chhattisgarh के इस जिले में राजस्व विभाग के अफसरों ने किया बड़ा खेला, नहर की जमीन कर दी इनके नाम

Chhattisgarh News: कोरिया जिले में एक नहर पर ग्रामीणों ने कब्जा कर लिया. इसको लेकर उन्हें पिछले तीन साल से नोटिस जारी किया जा रहा है.

Chhattisgarh के इस जिले में राजस्व विभाग के अफसरों ने किया बड़ा खेला, नहर की जमीन कर दी इनके नाम
ग्रामीणों ने किया नहर पर कब्जा

Capture on Canal: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया (Koriya) जिले के कंचनपुर में गेज बांध की माइनर नहर (Minor Nahar) पर लोगों ने कब्जा कर लिया है... नहर की जमीन से कब्जा हटाने के लिए जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) बीते तीन साल से नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन लोग कब्जा नहीं हटा रहे हैं. दूसरी ओर राजस्व के अधिकारियों ने सरकारी रिकॉर्ड (Government Record) में छेड़छाड़ करते हुए नहर की सरकारी जमीन (Government Land) को कई लोगों के नाम कर दिया है. वहीं भू-नक्शे में जहां से माइनर नहर को होना दर्शाया गया है, वहां नहर की जमीन ही नहीं है. गड़बड़ी सामने आने के बाद राजस्व अधिकारी इसे पुराना मामला बताते हुए इसपर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं. 

राजस्व विभाग ने खुद ही जमीन कर दी ग्रामीणों के नाम

कोरिया जिले में गेज नहर की जमीन पर सबसे अधिक कब्जे किए हैं. महलपारा से लेकर ग्राम भाड़ी, कंचनपुर में भी नहर की माइनर नहर पर कब्जे हैं, जिससे किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. दूसरी ओर राजस्व अधिकारी कब्जा करने वालों के साथ मिलीभगत कर सरकारी जमीन लोगों के नाम कर रहे हैं. बता दें कि महलपारा में गेज की जमीन पर अग्रवाल सिटी बनाए जाने का मामला भी न्यायालय में चल रहा है. जल संसाधन विभाग ने गेज नहर की जमीन पर कॉलोनी बसाकर कब्जा करने पर मामले में नोटिस जारी किया था. वहीं, हर्रापारा में गेज की नहर पर आंगनबाड़ी केंद्र समेत लोगों ने निजी मकान भी बनाए हैं. यही हाल ओड़गी, कंचनपुर, भाड़ी व अन्य क्षेत्रों का भी है. नहर पर कब्जा किए लोगों को कई साल बीत चुके हैं, लेकिन जल संसाधन विभाग की नोटिस से आगे कार्रवाई नहीं बढ़ सकी है. 

नहर की सफाई में हो रही परेशानी

जिले में इस साल अच्छी बारिश से गेज बांध में 23.050 एमसीएम भराव के साथ 100.79 फीसदी पानी है. बांध के ओवरफ्लो होने से जल संसाधन विभाग ने नहरों में पानी छोड़ना शुरू कर दिया है. लेकिन, कई जगह नहर पर कब्जे होने व नहरों की सफाई नहीं होने के कारण पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच रहा है. माइनर नहर में पानी नहीं आने से किसानों को समस्या हो रही है. जबकि, गेज की कुल सिंचाई क्षमता 4 हजार 416 हेक्टेयर में है. जिसमें खरीफ में 2720 और रबी फसलों में 1696 हेक्टेयर में सिंचाई होती है. 

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जल संसाधन विभाग के ईई ने दिया बयान

जल संसाधन विभाग के ईई ए टोप्पो ने कहा कि गेज नहर पर कब्जे को लेकर विभाग ने कई बार नोटिस जारी किया है. कुछ मामलों में प्रकरण बनाकर राजस्व और तहसील में प्रस्तुत किया गया है. नहर से कब्जा हटाने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है और इसपर कार्रवाई की जाएगी. एसडीओ (गेज) बीके त्रिपाठी ने कहा कि कंचनपुर समेत अन्य क्षेत्रों में गेज की नहरों से कब्जा हटाने के लिए कई बार नोटिस जारी किए हैं.

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