
Karregutta Maoist Encounter: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और तेलंगाना सीमा (Telangana Boarder) पर कर्रेगुट्टा इलाके (Karregutta Area) में पिछले 24 दिनों से जारी नक्सल विरोधी ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) बुधवार को सम्पन्न हो गई. इस दौरान सुरक्षाबलों के ऑफिसर्स ने 31 नक्सलियों के मारे जाने के साथ ही बड़ी सफलता की घोषणा की. यह प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इसका सेहरा सीधे-सीधे प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा (Vijay Sharma) के सिर सजना चाहिए था. हालांकि, हो उल्टा रहा है. यहां कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने गृह मंत्री विजय शर्मा से इस्तीफे का मांग की है.
कर्रेगुट्टा मुठभेड़ की सफलता के बाद बुधवार को जब सुरक्षाबलों के अफसरों ने इस सफलता की जानकारी दी, तो बघेल ने सीधे-सीधे गृह मंत्री को घेर लिया. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि आज CRPF और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त प्रेस वार्ता ने यह साबित कर दिया कि 24 दिनों तक कर्रेगुट्टा (बीजापुर) में नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन चलता रहा. इसके बाद उन्होंने लिखा कि पुलिस और सभी सुरक्षा बलों को इसकी बधाई. उन्हें शुभकामनाएं कि वे अपने लक्ष्य में कामयाब हों. इसके बाद उन्होंने गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि बहुत आश्चर्य और चिंता की बात है कि प्रदेश के गृहमंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी. उल्टे गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री के बयान का खंडन कर दिया. मुख्यमंत्री को ऐसे नाकारा गृहमंत्री को तुरंत हटा देना चाहिए.
आज CRPF और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त प्रेस वार्ता ने यह साबित कर दिया कि 24 दिनों तक कर्रेगुट्टा(बीजापुर) में नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन चलता रहा।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 14, 2025
पुलिस और सभी सुरक्षा बलों को इसकी बधाई।
उन्हें शुभकामनाएं कि वे अपने लक्ष्य में कामयाब हों।
पर बहुत आश्चर्य और चिंता की…
जवानों ने बताई कामयाबी की ये कहानी
कर्रेगुट्टा मुठबेड़ की सफलता के बाद बुधवार को जब सुरक्षाबलों के अफसरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों की ओर से संयुक्त रूप से 21 अप्रैल से 11 मई 2025 तक चलाए गए 21 दिवसीय व्यापक नक्सल विरोधी अभियान में कुल 31 वर्दीधारी माओवादी मारे गए, जिनमें 16 महिलाएं शामिल हैं. अभियान के दौरान माओवादियों के 216 ठिकानों और बंकरों को ध्वस्त किया गया तथा भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री जब्त की गई.
राज्य और केंद्र का था संयुक्त बयान
सुरक्षाबलों की ओर से बताया गया कि यह अभियान छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार की ओर से इस ऑपरेशन को संयुक्त रूप से संचालित किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान का उद्देश्य माओवादियों की सशस्त्र क्षमता को समाप्त कर राज्य के विकास को गति देना है. करेगुट्टालू पहाड़ी, जो छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना के मुलुगू जिले की सीमा पर स्थित है. इसे माओवादी संगठन वर्षों से अपनी सुरक्षित शरणस्थली के रूप में उपयोग कर रहे थे. इस 60 किलोमीटर लंबे और अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में पीएलजीए बटालियन की टेक्निकल यूनिट सहित लगभग 300-350 माओवादी सक्रिय थे. यहां से देसी हथियार, आईईडी और बीजीएल शेल तैयार किए जा रहे थे.
21 दिनों में हुए कुल 21 मुठभेड़
अभियान के दौरान माओवादियों की 4 तकनीकी इकाइयों को भी नष्ट किया गया, जहां से 4 लेथ मशीनें, 450 नग आईईडी, 818 बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई. इसके अतिरिक्त राशन, दवाइयां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद हुईं. लगातार 21 दिनों तक चले इस अभियान में कुल 21 मुठभेड़ें हुईं. 3 शव 24 अप्रैल, 1 शव 5 मई, 22 शव 7 मई और 5 शव 8 मई को बरामद किए गए.
18 जवान भी हुए घायल
अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के 18 जवान आईईडी विस्फोटों में घायल हुए. हालांकि, सभी जवान खतरे से बाहर हैं और उन्हें बेहतर इलाज प्रदान किया जा रहा है. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के बावजूद जवानों ने साहस और धैर्य के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया.
माओवाद की जड़ों तक पहुंची लड़ाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस सफलता पर कहा कि बीजापुर जिले की करेगुट्टालू की पहाड़ी पर हमारे जवानों ने जिस शौर्य और साहस का प्रदर्शन किया है. वह माओवाद पर निर्णायक प्रहार है. यह केवल ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारत के तिरंगे की विजय यात्रा है. मैं सभी वीर सुरक्षाकर्मियों को हृदय से बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में यह लड़ाई माओवाद की जड़ों तक पहुंच चुकी है और हम मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त करने में सफल होंगे.
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गौरतलब है कि वर्ष 2025 के शुरुआती चार महीनों में राज्य में कुल 174 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं. सुरक्षा बलों की मजबूत पकड़ के चलते माओवादी संगठन बिखर रहे हैं और छोटे-छोटे समूहों में विभाजित हो रहे हैं. बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र और नारायणपुर के माड़ क्षेत्र में भी ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ रहा है. राज्य शासन का उद्देश्य माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में आम जनों का विश्वास अर्जित करते हुए समावेशी विकास सुनिश्चित करना और समयबद्ध रूप से माओवाद का समूल उन्मूलन करना है.