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छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल में 4 महीने से बंद है ओपन हार्ट सर्जरी, वजह है बेहद मामूली

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल - डॉ भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में करीब 4 महीने से ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो रही है. वजह बेहद मामूली है लेकिन इंतजाम नहीं हो पा रहा है. अस्पताल के एडवांस कार्डिक सेंटर के मुताबिक रीएजेंट नहीं होने की वजह से ये ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल में 4 महीने से बंद है ओपन हार्ट सर्जरी, वजह है बेहद मामूली

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल - डॉ भीमराव अम्बेडकर अस्पताल (Dr. Bhimrao Ambedkar Hospital) में करीब 4 महीने से ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो रही है. वजह बेहद मामूली है लेकिन इंतजाम नहीं हो पा रहा है. अस्पताल के एडवांस कार्डिक सेंटर (Advanced Cardiac Center) के मुताबिक रीएजेंट (Reagent) नहीं होने की वजह से ये ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं. सेंटर ने इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर जानकारी भी दी है बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग में फाइल इधर से उधर घूम रही है और गरीब मजदूरों को इसकी मार झेलनी पड़ रही है. मजबूरी में उन्हें निजी अस्पतालों (Private Hospitals) में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है.

हम आपको केस स्टडी भी बताएंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आखिर ये रीएजेंट होता क्या है? दरअसल रीएजेंट एक तरह का केमिकल है जो ऑपरेशन के दौरान बताता है कि मरीज के शरीर में ऑक्सीजन लेवल कितना है? आयरन कितना है? दूसरे पैरामीटर्स कैसे हैं? ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान ये बहुत अहम हो जाता है. अहम ये है कि रीएजेंट बहुत महंगा नहीं है. ये बाजार में 12 से 15 हजार रुपये में ही उपलब्ध है. 

लेकिन इस अहम चीज का स्टॉक खत्म हो जाने की वजह से अंबेडकर अस्पताल में सर्जरी नहीं हो पा रही है. गरीब मरीजों के पास ऑपरेशन के लिए  दूसरा विकल्प रायपुर एम्स है लेकिन वहां भी लंबी वेटिंग है.

अंबेडकर अस्पताल में हमें ऐसे ही एक पीड़ित मरीज मिले. उनका नाम है मदन गोपाल. वे सिक्योरिटी एजेंसी में गार्ड हैं. कोरबा के रहने वाले हैं जहां डॉक्टरों ने ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी. इसके बाद वे रायपुर एम्स आए तो वहां से उन्हें अंबेडकर अस्पताल रेफर किया गया. जब वे यहां पहुंचे तो पता चला कि यहां तो 4 महीने से ओपन हार्ट सर्जरी बंद है. परेशान होकर वे फिर एम्स पहुंचे तो पता चला यहां तो महीनों की वेटिंग है. अब मजबूरी में वे प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. जिसके लिए उन्हें उधार से पैसे जुगाड़ करने पड़ रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल रामकुमार यादव का भी है. वे भी जब अंबेडकर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें भी महीने भर बाद आने को कहा गया. 
बता दें कि अंबेडकर अस्पताल में 1300 मरीज भर्ती हो सकते हैं, जबकि रोजना यहां 3 हजार से 4000 के बीच मरीज ओपीडी में इलाज कराने आते हैं. इसमें से हर महीने 30 से 40 मरीजों की ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत होती है. इस मामले में जब NDTV ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से बात की तो उन्होंने आश्वासन दिया है कि एक हफ्ते में हम टेंडर जारी कर देंगे. उन्होंने कहा- पहले का सिस्टम बदल रहा है. डीन को 25 लाख रुपये तक की खरीद का अधिकार दिया जाएगा. इसके अलावा 5 लाख रुपये तक की इमरजेंसी खरीद भी वे कर सकेंगे. जायसवाल ने बताया कि इसके अलावा भी डीन के पास वित्त अनुमोदन पर 3 करोड़ की खरीदी के अधिकार भी होंगे. 
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