Chhattisgarh Samachar : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. दरअसल, जिले के वाड्रफनगर सिविल अस्पताल में प्रसूति के लिए पहुंची एक महिला का प्रसव के दौरान काफी ब्लीडिंग हुई जिससे डिलीवरी रूम और बेड काफी गंदा हो गया था. इस पर ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स ने महिला के परिजनों से सफाई कराई. इसके बाद जब मामला उठा तो कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए वार्ड आया और स्टाफ नर्स को सस्पेंड कर दिया है.
महिला को ब्लीडिंग होने पर घरवालों से कराई सफाई
जानकारी के अनुसार, यह मामला जिले के वाड्रफनगर सिविल अस्पताल का है. गैना गांव की रहने वाली शांति को देर रात डिलीवरी के लिए उसके परिजन सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे थे. डिलीवरी के दौरान शांति को काफी ब्लीडिंग हुई. इससे महिला की हालत गंभीर हो गई थी. कुछ समय बाद डिलीवरी वार्ड और बेड पर ब्लीडिंग की वजह से गंदगी हो गई थी. परिजनों का आरोप है कि ड्यूटी में तैनात नर्स ने उन्हें जबरन सफाई करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने इस घटना की शिकायत उच्च अधिकारियों से की.
परिजनों ने कहा- ऐसे समय में हमें मजबूर किया
परिजनों ने बताया कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था की भारी कमी है. गंभीर स्थिति में भी अस्पताल का स्टाफ संवेदनहीन बना रहा और सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था करने के बजाय यह जिम्मेदारी मरीज के परिजनों पर डाल दी गई.. वहीं, मरीज के परिजन नर्स पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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कलेक्टर ने नर्स और वार्ड आया को किया सस्पेंड
मामले की शिकायत के बाद वाड्रफनगर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शशांक गुप्ता ने तुरंत जांच टीम गठित की और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की. इसके आधार पर कलेक्टर ने स्टाफ नर्स अमिता मिंज और वार्ड आया अनीता सिंह को उनके दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता और अकर्मण्यता के आरोप में निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय जिला अस्पताल बलरामपुर रामानुजगंज किया गया है.
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