Rasoiya Didi- एनडीटीवी मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ (NDTV MPCG) की एक और खबर का असर हुआ है. NDTV ने 8 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के रसोइया दीदियों को 4 महीने से मानदेय नही मिलने की खबर दिखाई थी. खबर दिखाने के महज चार घंटे बाद रसोइया दीदियों के खाते में दो महीने का मानदेय जारी कर दिया गया. रसोईया दीदी के संगठन ने खुशी जाहिर करते हुए NDTV का आभार व्यक्त किया.
रसोइयों के 4 महीने से मानदेय नही मिलने की खबर दिखाने के बाद शासन ने 116 करोड़ की राशि रसोइया दीदियों के खाते में ट्रांसफर की. हालांकि रसोइया दीदियों की ओर से सरकार के सामने और भी मांगें रखी गई हैं. मध्यान्ह भोजन रसोइया महासंघ की अध्यक्ष नीलू ओगरे ने कहा कि वे चैनल के सभी लोगों का धन्यवाद करती हैं, जिन्होंने उनकी मांगों को प्रमुखता से उठाया. साथ ही रसोइया दीदी ने बताया कि खबर दिखाने के बाद पैसे खाते में आ गए हैं. साथ ही उन्होंने अपना दुख भी बयान किया. उन्होंने कहा कि इतनी महंगाई में उन्हें मात्र 2000 रुपये दिए जाते हैं जिससे वे बच्चों की जरूरतों को पूरा नही कर पातीं.
क्या है मांगें?
रसोइया महासंघ की ओर से कहा है कि मानदेय हर महीने 5 तारीख को जारी हो और मानदेय 2000 रुपये की जगह कलेक्टर दर पर दिया जाए. उनका कहना है कि रसोइया दीदी को हर महीने 9 हजार रुपये मानदेय मिले. मध्यान्ह भोजन रसोइया महासंघ ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव से पहले 100 दिन में मानदेय 50 प्रतिशत बढ़ाने का वादा था, जिसे सरकार पूरा करे. महासंघ का कहना है कि छत्तीसगढ़ में सबसे कम रसोइयों को मानदेय है. जबकि दिल्ली में रसोइयों को 15 हजार का मानदेय मिलता है.