
छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर सुरक्षा बलों को एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. नक्सलियों के खौफ का गढ़ कहे जाने वाले नारायण डोंगर की गहराइयों में संचालित एक नक्सली कैंप को ध्वस्त कर दिया गया है. यह इलाका गरियाबंद जिले की सीमा से महज कुछ किलोमीटर दूर है, जो इंदागांव थाना क्षेत्र से भी काफी करीब माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि ओडिशा पुलिस की डीवीएफ (Distinguished Voluntary Force) को खुफिया सूचना मिली थी कि नारायण डोंगर के पास नक्सली गतिविधियां चल रही हैं. इसके बाद मंगलवार की सुबह सुरक्षा बलों ने घने जंगलों और पहाड़ी रास्तों को पार कर सटीक कार्रवाई की.
बम सहित ये सामान हुए जब्त
नक्सलियों के वहां से भागने के बाद कैंप को जब्त किया गया. कैंप से दो नग टिफिन बम (आईईडी), जिलेटिन की छड़ें, डेटोनेटर और अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई है. सुरक्षा बलों का मानना है कि यहां नक्सली कुछ बड़ी साजिश की तैयारी में थे. समय रहते यह कार्रवाई नहीं होती तो आसपास के गांवों और सुरक्षा बलों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता था.
अधिकारियों का क्या कहना है?
नक्सलियों के इस कैंप का पर्दाफाश सीनापाली थाना क्षेत्र में हुआ, जो ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में आता है. नुआपाड़ा के एसपी जी आर राघवेंद्र ने मीडिया को बताया कि यह ऑपरेशन काफी जोखिम भरा था लेकिन डीवीएफ ने सूझबूझ से काम लेकर इसे अंजाम दिया. इस कार्रवाई के बाद से सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई है. खास बात यह है कि घटनास्थल से छत्तीसगढ़ की सीमा मात्र कुछ किलोमीटर दूर है, जिससे यह स्पष्ट है कि नक्सली अब भी राज्य के जंगलों में पैठ बनाने की कोशिश में हैं.
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