विज्ञापन

CG Naxal Surrender: नारायणपुर में 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता

CG Naxal Surrender: नई नीति का प्राथमिक उद्देश्य नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों की सहायता करना और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज में फिर से शामिल करना है. अधिकारी ने कहा कि सरकार का मानना है कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई और पुनर्वास के बीच संतुलन जरूरी है.

CG Naxal Surrender: नारायणपुर में 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता
CG Naxal surrender: नारायणपुर में 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता

CG Naxal surrender: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की लगातार रणनीतिक कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति रंग ला रही है. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने वाले ये सभी नक्सली लंबे समय से लंका और डूंगा जैसे अंदरूनी इलाकों में सक्रिय थे. इनमें जनताना सरकार के सदस्य, पंचायत मिलिशिया के डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य, पंचायत मिलिशिया सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष जैसे पदों पर कार्यरत नक्सली भी शामिल हैं. नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने बताया कि नक्सलियों ने ‘‘खोखली'' माओवादी विचारधारा, निर्दोष आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों और प्रतिबंधित संगठन में बढ़ते आंतरिक मतभेदों को लेकर निराशा व्यक्त की.

कौन हैं सरेंडर करने वाले नक्सली?

पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी 16 नक्सली निचले स्तर के कैडर हैं, जो जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंडली और माओवादी पंचायत मिलिशिया की विभिन्न इकाइयों से जुड़े थे.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये लोग सशस्त्र माओवादी समूहों को राशन, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान बिना किसी भुगतान के पहुंचाने में सक्रिय रूप से संलिप्त थे. इसके अलावा, ये हथियार और विस्फोटक सामग्री ले जाने, आईईडी (संवर्धित विस्फोटक उपकरण) लगाने, सुरक्षा बलों की गतिविधियों की सूचना जुटाने और रेकी (निगरानी) करने में भी सहयोग करते थे.

अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान कैडरों ने पुलिस को बताया कि शीर्ष माओवादी नेता ही आदिवासियों के ‘‘असली दुश्मन'' हैं. पुलिस अधीक्षक ने नक्सलियों के हवाले से कहा, “कई नेता (नक्सली) शहरों या विदेश में बेहतर भविष्य का सपना दिखाकर निचले स्तर के कैडर को अपना निजी गुलाम बना कर रखते हैं.” उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50,000 रुपये की सहायता प्रदान की गई है और उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधा दी जाएगी.

इस नीति का मिल रहा लाभ

छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत और पुनर्वास नीति-2025' का उद्देश्य नक्सल हिंसा के पीड़ितों को अधिक मुआवज़ा, मुफ़्त शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ और नौकरी के अवसर प्रदान करना है. साथ ही, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को नया जीवन शुरू करने के लिए पुनर्वास और कानूनी सहायता मिलेगी.

नई नीति का प्राथमिक उद्देश्य नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों की सहायता करना और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज में फिर से शामिल करना है. अधिकारी ने कहा कि सरकार का मानना है कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई और पुनर्वास के बीच संतुलन जरूरी है.

नक्सल विरोधी अभियानों में पुलिस की विशेष सहायता करने वाले 'गोपनीय सैनिकों' (पुलिस मुखबिरों) की मृत्यु के मामले में दिए जाने वाले मुआवजे को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये (केंद्रीय योजनाओं के तहत देय मुआवजे के अतिरिक्त) कर दिया गया है. इसी तरह, ऐसे व्यक्ति को स्थायी विकलांगता के मामले में दिए जाने वाले मुआवजे को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें : PM JANMAN: आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण में MP सबसे आगे; इन विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिलेगा लाभ

यह भी पढ़ें : MP में सपनों की नई उड़ान, स्कूटी के साथ; CM मोहन यादव ने प्रतिभाशाली टॉपर्स को सौंपी स्कूटी की चाबी

यह भी पढ़ें : Adani Power: अदाणी पावर को MP में ग्रीनफील्ड थर्मल प्लांट से अतिरिक्त क्षमता के लिए सप्लाई का मिला ऑर्डर

यह भी पढ़ें : National Lok Adalat 2025: नेशनल लोक अदालत में मिलेगी छूट; इस दिन समझौते से सुलझेंगे पेंडिंग केस

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close