
Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव ज़िले से एक दुखद खबर सामने आई है. खैरागढ़ के घने जंगलों में मादा भालू और उसके छोटे बच्चे की लाश मिली है. घटना विक्रमपुर पश्चिम वन क्षेत्र के जंगल की है. सोमवार सुबह-सुबह जब गांव के लोगों ने भालू और उसके बच्चे को मृत देखा... तो उन्होंने तुरंत वन विभाग को इत्तिला दी. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम, वन्यजीव विशेषज्ञ और डॉक्टर मौके पर पहुंचे. जांच में पता चला कि मादा भालू और उसके शावक के शरीर पर न तो कोई गहरी चोट थी, न खून, और न ही किसी लड़ाई के निशान. इसका मतलब है कि उनकी मौत किसी बीमारी या प्राकृतिक कारणों से हो सकती है.
फिलहाल शिकार की आशंका नहीं
जब जंगली जानवरों की अचानक मौत होती है, तो सबसे पहले शिकार की आशंका होती है. लेकिन यहां दोनों भालुओं के शरीर पूरी तरह सुरक्षित थे. इसलिए ये साफ हो गया कि किसी ने उनका शिकार नहीं किया. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी में जंगलों में पानी की कमी हो जाती है. कई बार जानवर गंदा या जहरीला पानी पी लेते हैं, जिससे उनकी जान चली जाती है. हो सकता है इन भालुओं की मौत भी इसी वजह से हुई हो. लेकिन असली कारण जांच के बाद ही पता चलेगा.
ये भी पढ़ें :
• जंगल से भागकर ग्रामीण के घर में घुसा तेंदुआ, सुनिए बुजुर्ग महिला की आपबीती
• सचिव जी की कार से मिली हिरण की खाल ! ऐसे खुली पोल, बड़ा सवाल- किसने किया शिकार ?
वन विभाग ने किया अंतिम संस्कार
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों और अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों भालुओं का जंगल में अंतिम संस्कार किया. इस दौरान डीएफओ आलोक कुमार तिवारी, संयुक्त वन अधिकारी डॉ. मोना महेश्वरी और पशु चिकित्सक ममता रात्रे भी वहां मौजूद थीं. अब सबकी नजर जांच रिपोर्ट पर है जिससे यह साफ हो सकेगा कि मादा भालू और उसके बच्चे की मौत आखिर क्यों हुई. मामले को देखते हुए वन विभाग ने इलाके में निगरानी बढ़ा दी है. जंगल में जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खास टीम तैनात कर दी गई है.
• खेत में बेखौफ घूमता नजर आया तेंदुआ, किसानों में बढ़ा खौफ
• तेंदुए को माँ ने छड़ी से पीटा, दुम दबाकर भागा... आया था बेटे का शिकार करने