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अब नक्सलियों के सरेंडर की राह और भी हुई आसान, WhatsApp पर दे सकते हैं आत्मसमर्पण की सूचना

Mobile Numbers Released for Surrender of Naxalites : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए पुलिस ने मोबाइल नंबर जारी किया है. इससे सरेंडर करने की राह और भी आसान होगी. जानें कौन-कौन से नंबर जारी किए गए.

अब नक्सलियों के सरेंडर की राह और भी हुई आसान, WhatsApp पर दे सकते हैं आत्मसमर्पण की सूचना
संकेतिक फोटो.

Naxalite Surrender :  छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के सरेंडर की डगर अब और भी आसान हो गई है. सीधे नक्सली  WhatsApp पर कॉल, मैसेज करके सरेंडर कर सकते हैं. इसके लिए मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं. जानते हैं, आखिर वो कौन-कौन से नंबर हैं, जहां आप कॉल करके सरेंडर कर सकते हैं. 

पुलिस ने जारी किया मोबाइल नंबर

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नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए पुलिस ने मोबाइल नंबर किया है. सुरक्षाबलों ने आओ खुशहाल जिंदगी की ओर वापस लौट आए इस नाम से पोस्टर जारी किए गए हैं. साथ ही आत्मसमर्पण किए नक्सलियों ने अपने साथियों से अपील की है. माओवादी चंगुल में फंसे साथियों से घर लौटने के लिए कहा है. वहीं, गरियाबंद एसपी ने जारी किया मोबाइल नंबर जारी किया है. ये नंबर 9479190067 है. इसके आलावा  9179987988, 9131897730, 8103062326, 6260754858 पर आप कॉल, मैसेज, WhatsApp करके सरेंडर कर सकते हैं. वहीं, जिले के एसपी ने कहा- नक्सली डरे नहीं. किसी भी थाना में जाकर आत्मसमर्पण कर सकते हैं.

एक सप्ताह में करीब 100 से अधिक नक्सलियों ने किया सरेंडर

यदि बीते एक सप्ताह की बात करें तो 80 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया है.  सरकार की नक्सली पुनर्वास योजना के माध्यम से सरेंडर करने वाले नक्सलियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. सबसे अधिक 60 नक्सली तेलंगाना में किए थे. वहीं, फिर बीजापुर में करीब 20 नक्सलियों ने सरेंडर किए थे. इससे पहले बीजापुर में 17 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. 13 मार्च को ये खबर सामने आई थी. आत्मसमर्ण करने वाले अधिकांश नक्सलियों ने इनामी भी सामिल हैं. 

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नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलेगा ये लाभ 

छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति और नियद नेल्लानार योजना के कारण कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं. यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है. इस योजना के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि पुनर्वास, रोजगार और शिक्षा. इसके अलावा, नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए भी राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है.

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