
Chhattisgarh News Today: छत्तीसगढ़ के महासमुंद (Mahasamund) जिले में ओडिशा (Odisha) से होने वाले धान तस्करी पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने बड़ी सफलता हासिल की है. इस बार प्रशासन ने ठोस रणनीति बनाकर काम किया, तो दूसरे प्रदेश से धान लाकर बेचने के अब तक एक भी मामले सामने नहीं आए हैं.
ऐसे लगाई रोक
महासमुंद (Mahasamund) जिले का अधिकांश हिस्सा ओडिशा (Odisha) प्रदेश से सटा होने के कारण बिचौलिये धान लाकर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के सीमावर्ती उपार्जन केंद्रों में बेच देते थे. इन बिचौलियों पर रोक लगाने के लिए इस साल जिले में 16 जांच चौकियां बनाई गईं. जिसमें राजस्व, मंडी, नगर सैनिक, फॉरेस्ट, ग्राम पंचायत सचिवों की टीम तैयार की. यह संयुक्त टीम बनाकर 24 घंटे सतत निगरानी रख रही है. दरअसल, जिले के चार ब्लॉक ओडिशा से सटे हुए हैं. सरायपाली ब्लॉक में 5 चौकी बनाए गए हैं. वहीं, बसना ब्लॉक में 3 , पिथौरा ब्लॉक में 3 और बागबाहरा ब्लॉक में 5 जांच चौकियां बनाई गई है. यहां अब तक एक भी प्रकरण नहीं आया है.
9 लाख से ज्यादा मीट्रिक टन धान खरीदी का है लक्ष्य
जिले में 130 समितियों के 182 धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है. जिसमें से 25 धान उपार्जन केंद्र ओडिशा से सटे हैं. जिले में कुल 2,28,954 हेक्टेयर रकबे में धान की फसल लगाई गई है. जिले में 1,57,383 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है और इस साल 9,96,248 मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है.
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28 दिनों में 33,157 किसानों ने बेचा धान
एक नवंबर से लेकर अब तक 33,157 किसान एक लाख 53 हजार मैट्रिक टन धान बेच चुके हैं. धान खरीदी के नोडल अधिकारी अजय यादव का कहना है कि 16 जांच चौकियों पर तैनात कर्मचारियों के 24 घंटे सतत निगरानी के कारण दूसरे प्रदेश से धान लाने का अभी तक एक भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है. मंडी कर्मचारियों ने अभी तक मात्र दो प्रकरण मात्रा से अधिक भण्डारण का दर्ज कर 29 क्विंटल धान जब्त कर मण्डी अधिनियम के तहत कार्रवाई की है.
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