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माओवादी नेता का संदेश, सरेंडर के बाद जारी किया वीडियो; कहा- हथियारबंद संघर्ष से कुछ हासिल नहीं

माओवादी नेता भूपति उर्फ सोनू ने महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में आत्मसमर्पण के बाद वीडियो संदेश जारी कर कहा कि हथियारबंद संघर्ष से अब कुछ हासिल नहीं किया जा सकता. उन्होंने अपने साथियों से हिंसा छोड़कर जनता के बीच लौटने की अपील की.

माओवादी नेता का संदेश, सरेंडर के बाद जारी किया वीडियो; कहा- हथियारबंद संघर्ष से कुछ हासिल नहीं

Maoist leader Bhupati Sonu video: माओवादी आंदोलन से जुड़े एक बड़े चेहरे ने अब संघर्ष का रास्ता छोड़ दिया है. माओवादी नेता भूपति उर्फ सोनू, जो कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य, केंद्रीय समिति सदस्य और केंद्रीय रिजनल ब्यूरो सचिव रह चुके हैं. उन्होंने आत्मसमर्पण के बाद पहली बार एक वीडियो संदेश जारी किया है. महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले भूपति ने इस वीडियो में कहा कि 'हथियारबंद संघर्ष से अब कुछ हासिल नहीं किया जा सकता.'

'हमने कई साथियों को खोया, लेकिन हालात बदल चुके हैं'

भूपति ने वीडियो में अपने पुराने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों तक संघर्ष के दौरान उन्होंने अपने कई साथियों को खोया है. उन्होंने माना कि अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और यही वजह है कि उन्होंने हथियारबंद लड़ाई से दूरी बनाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि 'हथियार उठाने के कारण ही हमारा संगठन जनता से दूर हो गया है, जबकि हमारा असली उद्देश्य जनता के लिए ही संघर्ष करना था.'

संगठन के भीतर मतभेद और आलोचनाओं पर जवाब

अपने संदेश में भूपति ने यह भी कहा कि उनके संघर्ष विराम के फैसले की कुछ लोगों ने आलोचना की है, लेकिन उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि हमें गद्दार या कोबर्ट कहने वाले यह नहीं समझ पा रहे कि आज के हालात अलग हैं. परिवर्तन को न समझना ही कट्टरता की निशानी है. उन्होंने साफ कहा कि अब समय आ गया है कि माओवादी साथी इस बदलाव को स्वीकार करें और जनता के बीच लौटें.

साथियों से हथियार छोड़ने की अपील 

भूपति ने अपने पुराने साथियों से अपील की कि वे भी अब हिंसा का रास्ता छोड़ दें और समाज में आकर लोकतांत्रिक तरीके से काम करें. उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष तभी सार्थक होगा जब हम जनता के साथ रहकर उनकी आवाज़ बनें. उन्होंने बताया कि उनके साथ महाराष्ट्र के गढ़चिरोली और छत्तीसगढ़ में सैकड़ों साथियों ने हथियार डाल दिए हैं.

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अन्य नेताओं का भी समर्थन और पुनर्वास की बात

वीडियो में भूपति ने बताया कि उनके आत्मसमर्पण के बाद पूर्व बस्तर, माड और तेलंगाना क्षेत्र के कई वरिष्ठ माओवादी नेताओं ने भी संघर्ष छोड़ने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय समिति सदस्य चंद्रन्ना ने भी अब पुनर्वास का रास्ता अपनाया है. भूपति ने कहा कि हमारा बाहर आना इस बात का संकेत है कि अब दिशा बदलने का समय है. 

‘अब जनता के बीच रहकर काम करेंगे'

वीडियो संदेश में भूपति ने साफ कहा कि अब वे कानून के दायरे में रहकर जनता के बीच काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे लिए अब संघर्ष का अर्थ बदल गया है. यह लड़ाई अब बंदूक की नहीं, विचार और समाज के पुनर्निर्माण की है.

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