Loan Recovery Agents: कांकेर जिले के अंदुरुनी क्षेत्रों में इन दिनों प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों (Private Finance Companies) का मकड़जाल फैला हुआ है. दर्जनभर से ज्यादा संदिग्ध भूमिका वाली फाइनेंस कंपनियां, महिलाओं के छोटे-छोटे समूह बनाकर उनसे आर्थिक लेनदेन कर रही हैं. लेकिन रिकवरी (Loan Recovery) के नाम पर फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी, आरबीआई (RBI) की गाइडलाइ का पालन तो दूर, सीधे लोगों को धमका रहे हैं. महिलाओं की माने तो एक क़िस्त भी छूट जाने पर रिकवरी एजेंट उनके घर पहुंच कर उन्हें धमकाते हैं. यही नहीं बच्चे को बेचकर पैसा जमा करने की बात कही जा रही है. ये रिकवरी एजेंट पैसा वसूलने के नाम पर महिलाओं को अपमानित भी कर रहे है. इससे महिलाओं की निजता, गरिमा और आत्मसम्मान पर ठेस पहुंच रही है.
कलेक्टर से शिकायत करने पहुंची महिलाएं
कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर, दुर्गुकोंदल क्षेत्र की महिलाएं कलेक्टर से शिकायत करने मुख्यालय पहुंची थीं. NDTV की टीम को जब इस बात की जानकारी हुई तो हमारी टीम मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर ग्राम चवेला पहुंची. यहां शिकायत करने वाले लोगो से मुलाकात हुई, उन्होंने बताया कि किस तरह फाइनेंस कम्पनियों के रिकवरी एजेंट उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं.
इनसे बच्चा बेचने को कहा
अब जरा शारदा पटेल को सुनिए. गोद में बच्चा लिए शारदा का कहना है कि इन्होंने भी एक फाइनेंस कम्पनी से लोन लिया है. कुछ राशि इन्होंने जमा भी की. इस दौरान कुछ महीने राशि जमा करने छूट गए. रिकवरी एजेंट इनके पास पहुंचे और इन्हें कही से भी पैसा जमा करने कहते रहे. लेकिन एक दिन तो हद हो गई. कम्पनी के एजेंटों ने बच्चों को बेचकर पैसा जमा करने कह डाला और तो और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे. जमा नहीं करने पर घर के समान उठा कर ले जाने धमकी दी.
रिकवरी एजेंट का क्या कहना है?
कवरेज के दौरान हमारी मुलाकात मौके पर ही अचानक पहुंचे फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट से हो गई. हमने उनसे पैसा रिकवरी के नाम पर दराने-धमकाने की बात कही तो उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा किसी को डराया धमकाया नहीं जाता है. अगर कोई बोल दे मेरे द्वारा ऐसा किया जाता है, तो मैं अपनी नौकरी छोड़ दूंगा और 6 महीने तक इनके खाना का खर्चा मैं उठाऊंगा.
क्या कहते हैं RBI के नियम?
आरबीआई के नियमों के अनुसार, किसी भी रिकवरी एजेंट को घर आने से पहले ग्राहक को होम विजिट लेटर देना चाहिए लेकिन यहां नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना किसी विजिट लेटर के सुबह 6 बजे से घरों पहुंच जाते हैं. जो कि 9 बजे तक रहते हैं. महिलाओं ने कहा, ये लोग सुबह- सुबह हमारे घर आते हैं. इससे हमारे घर के दूसरे काम नहीं हो पाते. आरबीआई का नियम है कि सुबह 8 बजे पहले और शाम 7 बजे के बाद कोई कॉल नहीं करेगा, लेकिन ये लोग इस नियम का पालन नहीं करते.
प्रशासन का क्या कहना है?
महिलाओं ने प्रशासन से मांग की है कि रिकवरी एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. वे चाहती हैं कि उन्हें सुरक्षा मिले और उनके हक की रक्षा की जाए. इस पर प्रशासन की अपनी दलील है. प्रशासन का कहना है कि शिकायत के बाद उन्होंने एसडीएम से कहकर इसकी जांच करने के निर्देश दिए है.
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