
Lokayukt Team: खंडवा जिले में लोकायुक्त की टीम ने मंगलवार को एक केनरा बैंक के ब्रांच मैनेजर को रिश्वत लेते पकड़ा है. लोकायुक्त टीम द्वारा गिरफ्तार रिश्वतखोर बैंक मैनेजर के खिलाफ मिली शिकायत के बाद टीम ने जाल बिछाया और आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा. मैनेजर सरकारी योजना में लोन स्वीकृत के बदले रिश्वत लेते पकड़ा गया है.
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सरकारी स्कीम के तहत स्वीकृत लोन के लिए ग्राहकों से कमीशन लेता था मैनजर
रिपोर्ट के मुताबिक छनेरा तहसील स्थित कैनरा बैंक के मैनेजर को देर शाम रिश्वत लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. एक पीड़ित किसान ने मैनेजर के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की थी, जिसके बाद लोकायुक्त ने जाल बिछाकर आरोपी मैनेजर को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
डेयरी प्रोजेक्ट का लोन स्वीकृत होने पर ब्रांच मैनेजर ने मांगे थे 75 हजार रुपए
पीड़ित किसान के मुताबिक आरोपी मैनेजर ने डेयरी प्रोजेक्ट के लिए कुल 6 लाख के लोन स्वीकृत करने के एवज में 75 हजार रुपए रिश्वत की मांगी थी. रिश्वत की राशि तय हो जाने के बाद मैनेजर लोन की किश्तों के साथ रिश्वत की किश्त भी बांध दिया. किसान ने बताया कि मैनेजर ने 10 हजार रुपए पहले लिए थे.
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रिश्वत के 5 हजार रुपए लेते समय लोकायुक्त की टीम ने मैनेजर को पकड़ा
इंदौर से खंडवा पहुंची लोकायुक्त की 10 सदस्यीय टीम ने छनेरा स्थित केनरा बैंक के मैनेजर राधारमन सिंह राजपूत को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते बैंक के अंदर ही गिरफ्तार किया. एक साल पहले ही बैंक मैनेजर बने मैनेजर राधा रमन सिंह राजपूत सरकारी योजनाओं के लोन में मिलने वाली सब्सिडी की आधी राशि रिश्वत के रूप में मांगता था.
लोन की किश्तों के साथ मैनेजर ने बांध दी थी रिश्वत की देय राशि का किश्त
पीड़ित किसान ने स्वीकृत 6 लाख रुपए लोन पर मिलने वाले डेढ़ लाख रुपए की सब्सिडी का आधा यानी 75 हजार रुपए रिश्वत में देने को राजी हो गया था. लोन अप्रूवल के बाद किसान ने मैनेजर को 10 हजार रुपए दे दिए, जिसके बाद मैनेजर ने लोन की किश्तों के साथ रिश्वत की शेष देय राशि का किश्त बांध दिया.
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पीड़ित के खाते में स्वीकृत लोन राशि पहुंचने से पहले मैनेजर ने मांगी रिश्वत
लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि, महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देश पर मैनेजर को ट्रेप किया गया. आचार्य विद्यासागर योजना के तहत डेयरी प्रोजेक्ट के लिए 6 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे. आवेदक विनोद लोवंशी के खाते में स्वीकृत राशि डाली जाने वाली थी. यह देख मैनेजर ने आवेदक से 75 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की.
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