छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ग्राम कंचनपुर की गरीब महिलाओं के नाम पर बिना उनकी जानकारी के समूह लोन जारी कर दिया गया. महिलाओं को सरकारी योजना और बीमा का लालच देकर अनावेदक अमरदीप साहू ने उनका आधार कार्ड, बैंक पासबुक और हस्ताक्षर हासिल किए. इन दस्तावेजों के आधार पर वह उनके खातों से रकम निकालता रहा और पूरी राशि खुद हड़पता रहा, जबकि महिलाओं को इसकी भनक तक नहीं लगी. कुछ कंपनियों के कर्मचारी वसूली के लिए महिलाओं के घर पहुंचे और बताया कि उनके नाम पर समूह लोन जारी है, जिसकी किस्तें महीनों से नहीं भरी गई हैं. यह सुनकर महिलाएं हैरान रह गईं, क्योंकि उन्होंने कभी कोई लोन लिया ही नहीं था.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने अमरदीप साहू को पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ में उसने महिलाओं के खाते से पैसे निकालने और धोखाधड़ी करने की बात कबूल कर ली. उसने वादा किया कि वह जल्द ही पूरी रकम वापस लौटाएगा, जिससे पीड़ित महिलाओं को थोड़ी राहत मिली थी. लेकिन, पूछताछ के बाद घर लौटकर अमरदीप ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे पूरा मामला और उलझ गया. अमरदीप की मौत के बाद पीड़ित महिलाओं की उम्मीद पूरी तरह टूट गई है. अब वे न सिर्फ ठगी गईं, बल्कि कानूनी प्रक्रिया में भी फंस गई हैं.
उधर, स्पंदना स्फूर्ति फाइनेंशियल लिमिटेड नामक बैंक ने लोन वसूली का दावा रायपुर की लोक अदालत में दायर कर दिया है. बैंक का कहना है कि लोन उनके नाम पर जारी हुआ है, इसलिए उन्हें ही किस्तें चुकानी होंगी. इससे ये गरीब महिलाएं गहरे तनाव में हैं. खुद ठगी का शिकार हुई इन महिलाओं को अब रायपुर जाकर कानूनी जवाब देना पड़ेगा. लेकिन, इस मामले में कहीं न कहीं फाइनेंस कंपनी की भी जिम्मेदारी बनती है, जिसने बिना सत्यापन के गरीब और बिन पढ़े लिखीं महिलाओं को लोन जारी कर दिए.
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