छत्तीसगढ़ पुलिस ने मालिकों को सौंपे गुमशुदा लाखों के फोन, आसानी से ऐसे ब्लॉक, ट्रैक और रिकवर करें खोए अपने मोबाइल फोन

CEIR पोर्टल प्रत्येक मोबाइल फोन के यूनिक IMEI नंबर का उपयोग करके फोन को ट्रैक करता है. जब कोई पोर्टल पर आवेदन करता है, तो उसके फोन के IMEI नंबर को पोर्टल ब्लैकलिस्टेड डिवाइस की सूची में डाल देता है, जिससे ऐसे फोन का इस्तेमाल नहीं हो पाता है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
BEMETARA POLICE HANDED OVER LOST 2 LAKH WORTH MOBILE PHONS

Lost Mobile Phone Recovered: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में सोमवार को पुलिस ने गुमशुदा हुए करीब दो लाख रुपए कीमत वाले मोबाइल फोन को बरामद कर उनके मालिकों को सौंप दिए. गुम हुए मोबाइल फोन दोबारा वापस मिलने से लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जिससे उनकी आंखों में खुशी के आंसू तक आ गए.

बेमतरा पुलिस ने थाने में दर्ज गुमशुदा मोबाइल फोन की रिपोर्ट के बाद अभियान चलाया और दूर संचार विभाग सीईआईआर पोर्टल के माध्यम से गुमशुदा हुए करीब एक लाख 90 हजार रुपए की कीमत वाले मोबाइल फोन को बरामद कर उनके मालिकों को सौंप दिए.  

ये भी पढ़ें-Viral Video: पूरी हुई मन्नत तो गधों को थाल में परोसा गया गुलाब जामुन, वायरल हो रहा वीडियो

फोन की बरामदगी के लिए सीईआईआर पोर्टल की मदद से अभियान चलाया गया

रिपोर्ट के मुताबिक नवागढ़ थाना क्षेत्र में दर्ज गुमशुदा मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए दूर संचार विभाग के सीईआईआर (CIER) पोर्टल की मदद से अभियान चलाया और साइलर सेल ने लापता अथवा चोरी हुए मोबाइल फोन्स को बरामद कर थाने को सौेपा, जिसके बाद बेमतरा पुलिस फोन उनके मालिकों को थाने बुलाकर सौंप दिया.

बेमेतरा पुलिस ने मालिकों को वापस किए उनके गुमशुदा फोन

बड़ा सवाल है कि पुलिस कैसे बरामद करती गुमशुदा अथवा चोरी हुए मोबाइल?

दरअसल, थाने में दर्ज हुए गुमशुदा मोबाइल की रिपोर्ट को पुलिससाइबर सेल को सौंपती है और साइबर सेल दूर संचार विभाग के खास पोर्टल सीईआईआर पोर्टल की मदद से गुमशुदा मोबाइल फोन को उसके विशेष आईएमईआई नंबर से ट्रैक कर उसे बरामद कर लेती है और संबधित थाने को सौंप देती है. 

ये भी पढ़ें-अद्भुत है विक्रमादित्य वैदिक घड़ी, 189 भाषाओं में देख सकेंगे पंचांग, तिथि, नक्षत्र, सीएम ने किया लोकार्पण

सीईआईआर भारत में चोरी हुए और खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने और ब्लॉक करने के लिए एक केंद्रीय प्रणाली है. यह प्रणाली मोबाइल उपकरणों को उनके यूनिक IMEI नंबरों के माध्यम से ट्रैक करती है और फोन की बरामदगी कर मालिकों को सौंपने का काम करती है.

ये भी पढ़ें-पैसों के लिए बुजुर्ग मां पर जानलेवा हमला, बेटी ने बचा लिया वरना गला घोंटकर मार देता कलयुगी बेटा!

क्या है मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर फोन से फोन बरामदगी का प्रोसेस?

गौरतलब है CEIR (Central Equipment Identity Register) भारत में चोरी हुए और खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने और ब्लॉक करने के लिए एक केंद्रीय प्रणाली है. यह प्रणाली मोबाइल उपकरणों को उनके यूनिक IMEI नंबरों के माध्यम से ट्रैक करती है और फोन की बरामदगी कर मालिकों को सौंपने का काम करती है.

Advertisement

CEIR पोर्टल की मदद से आप खुद भी खोए और चोरी हुए का सिम ब्लॉक करें

सामान्यतः हम और आप फोन चोरी या गुमशदुगी की शिकायत थाने में दर्ज कराते हैं, लेकिन दूरसंचार विभाग के इस खास CEIR पोर्टल की मदद से आप खुद भी अपने खोए हुए, चोरी हुए और गुमशुदा फोन में उपयोग हो रहे नंबर का डुप्लीकेट सिम कार्ड प्राप्त करके उसे आसानी से ब्लॉक करवा सकते हैं.

ये भी पढ़ें-सीहोर के बुमलिया गांव की नहीं बदली सूरत, फिल्में शूट कर फिल्मकारों ने कमाए करोड़ों, गांव के हाथ लगा सिर्फ ढेला

चोरी हुए और गुमशुदा हुआ मोबाइल फोन एक बार जब फोन ब्लॉक हो जाता है, तो वह किसी भी नेटवर्क पर काम नहीं कर पाता है, जिससे उसका इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे फोन्स को आसानी ट्रैक कर पोर्टल उसके सही मालिकों तक पहुंचाने में मदद करती है.

ये भी पढ़ें-ड्यूटी से गायब मिली मेडिकल ऑफिसर ऑन द स्पॉट बर्खास्त, कलेक्टर ने प्राचार्य समेत आधा दर्जन का रोका वेतन

खोए और चोरी हुए फोन को खोजने में ऐसे मदद करता है खास CEIR पोर्टल

यह सभी जानते हैं कि प्रत्येक मोबाइल फोन का एक खास यूनिक IMEI नंबर होता है. CEIR पोर्टल इसी IMEI नंबर का उपयोग करके फोन को ट्रैक करता है. जब कोई CEIR पोर्टल पर आवेदन करता है, तो उसके फोन के IMEI नंबर को पोर्टल ब्लैकलिस्टेड डिवाइस की सूची में डाल देता है, जिससे ऐसे फोन का इस्तेमाल नहीं हो पाता है.

Advertisement

सभी नेटवर्क ऑपरेटरों को ब्लैकलिस्टेड डिवाइस की सूचना देता है CEIR

दूर संचार विभाग का CEIR पोर्टल ब्लैकलिस्टेड डिवाइस की जानकारी सभी नेटवर्क ऑपरेटरों के साथ साझा करता है. इससे यूनिक आईएमआईई वाले डिवाइस ब्लैकलिस्ट हो जाते है, जो किसी भी नेटवर्क पर काम नहीं करता है, भले ही डिवाइस का सिम कार्ड दिया गया हो.

ये भी पढ़ें-Missing Girl Turned Married: नाटकीय अंदाज में घर लौटी लापता निकिता लोधी और श्रद्धा तिवारी, 7 दिन बाद शादी करके लौटीं बेटियां

सीईआईआर पोर्टल पर ब्लैकलिस्टेड डिवाइस किसी काम के नहीं रह जाते हैं. पुलिस ऐसे ब्लैक लिस्टेट मोबाइल फोन्स की बरामदगी करने में आसानी होती है. ऐसे फोन की बरामदगी के बाद CEIR पोर्टल के माध्यम से उसे डी-ब्लॉक भी कर पुलिस उनके मालिकों को सौंप देती है.

ये भी पढ़ें-कलेक्ट्रेट पहुंचे छात्र बोले, 'हॉस्टल के खाने में मिलते हैं मच्छर और मक्खियां, कलेक्टर साहब बीमार हो जाएंगे हम'

सीईआईआर पोर्टल पर ऐसे दर्ज कराएं अपने चोरी या गुमशुदा फोन का आवेदन

फोन चोरी होने या गुमशुदा होने की सूरत में पीड़ित को सबसे पहले नकदीकी थाने में फोन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराना चाहिए. इसके बाद गुमशदुगी की रिपोर्ट की कॉपी लेकर अपने पास रखें, क्योंकि थाने में दर्ज गुमशुदगी की रिपोर्ट की कॉपी से ही आप सिम प्रदाता कंपनी से डुप्लीकेट सिम हासिल कर पाएंगे

Advertisement

पोर्टल के ब्लॉक स्टोलन या लॉस्ट मोबाइल विकल्प पर क्लिक कर दर्ज करें आवेदन

डुप्लीकेट सिम मिलने के तुंरत बाद CEIR की पोर्टल पर जाएं और ब्लॉक स्टोलन या लॉस्ट मोबाइल विकल्प चुनकर क्लिक कर अपने गुमशुदा मोबाइल के यूनिक आईएमईआई नंबर, गुमशुदगी रिपोर्ट की कॉपी, फोन परचेज का बिल और व्यक्तिगत जानकारी दर्ज कर ओटीपी से सत्यापित करें.

ये भी पढ़ें-Great Example of Honesty: कचरे वाले ने लौटाया महिला का लाखों का मंगलसूत्र, गलती से कचरा गाड़ी में चला गया था

CEIR पोर्टल प्रत्येक मोबाइल फोन के यूनिक IMEI नंबर का उपयोग करके फोन को ट्रैक करता है. जब कोई पोर्टल पर आवेदन करता है, तो उसके फोन के IMEI नंबर को पोर्टल ब्लैकलिस्टेड डिवाइस की सूची में डाल देता है, जिससे ऐसे फोन का इस्तेमाल नहीं हो पाता है.

पोर्टल पर गुमशुदा और चोरी हुए मोबाइल फोन की अद्यतन स्थिति का पता मिलता है  

उल्लेखनीय है सीईआईआर पोर्टल के ब्लॉक स्टोलन या लॉस्ट मोबाइल सेक्शन में फॉर्म सबमिट करने के बाद आवेदनकर्ता को एक रिक्वेस्ट आईडी मिलती है. इस रिक्वेस्ट आईडी की मदद से आवेदनकर्ता अपने गुमशुदा मोबाइल फोन की अद्यतन स्थिति का पता आसानी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें-नोटों के बंडल से भी नहीं डिगा युवक का ईमान, सड़क पर मिले किसान के डेढ़ लाख रुपए लौटाकर पेश की मिसाल