
Atal Bihari Vajpayee Vishwavidyalaya Bilaspur: अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर में कार्यरत लगभग 50 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है. विश्वविद्यालय में अगस्त माह से ‘सुरक्षा एवं हाउसकीपिंग' कार्य एक नई ठेका कंपनी को सौंपा गया है, जिससे 35 सुरक्षाकर्मी और 15 सफाईकर्मियों की सेवाएं समाप्त होने की आशंका है. अपनी आजीविका को बचाने के लिए कर्मचारियों ने बिलासपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए नई कंपनी में प्राथमिकता देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि नई कंपनी द्वारा की जाने वाली नियुक्तियों में पारदर्शिता नहीं है. एसोसिएशन ने मांग की है कि वर्तमान में सेवारत कुशल कर्मचारियों को नई ठेका कंपनी में प्राथमिकता दी जाए.
कर्मचारियों का क्या कहना है?
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का कहना है कि "हम वर्षों से समर्पित भाव से विश्वविद्यालय की सेवा कर रहे हैं, परंतु आज तक सम्मानजनक राशि नहीं मिल पायी. कुलपति केवल महिला दिवस पर सम्मान करने की बातें करते हैं. बाकी दिन उन्हीं महिलाओं का अपमान करते हैं और जातियों के आधार पर भेदभाव भी करते हैं."
ये विवाद तब और गहरा गया, जब कुलपति से मिलने पहुंचे कर्मचारियों को प्रभारी कुलसचिव ने यह कहकर लौटा दिया कि-हम कुछ नहीं कर सकते, आप बाहर जाएं. सूत्रों से यह भी पता चला है कि प्रभारी कुलसचिव एक रसूखदार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी मनीष सक्सेना के माध्यम से नई भर्ती प्रक्रिया में वसूली करवा रहे हैं, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. कई कर्मचारियों का कहना है कि अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है और क्या सैकड़ों आश्रित परिवारों की आजीविका बचाई जा सकेगी.
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