Jheeram Ghati: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी नरसंहार (Jheeram Ghati Massacre) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे षड्यंत्र की जांच और एफआईआर दर्ज करने की अनुमति छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) को दे दी है. चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए (NIA) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि इस मामले में जांच का अधिकार सिर्फ उनके पास है.
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की कर दी गई थी हत्या
दरअसल, 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के तत्कालीन दिग्गज कांग्रेस नेता बस्तर में परिवर्तन रैली कर लौट रहे थे. तभी सुकमा जिले के झीरम घाटी के पास उनके काफिले पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था.
NIA की जांच पर उठे थे सवाल
तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी थी. एनआईए की जांच रिपोर्ट को लेकर लंबे समय से चर्चा होती रही है. वहीं, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एनआईए की जांच पर सवाल भी उठाया गया था. साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से इस मामले की अलग से जांच की बात भी कही गई थी.
झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 21, 2023
झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था।
कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की…
पुलिस की FIR का NIA ने किया था विरोध
इस बीच हमले में शहीद हुए उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने पुलिस में आवेदन देकर उनके पिता की हत्या के मामले में अपराध दर्ज करने की मांग की थी. साथ ही बस्तर एसपी को ज्ञापन भी सौंपा था. इस आवेदन पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया. ऐसे में छत्तीसगढ़ पुलिस इस मामले की जांच करने वाली थी. लिहाजा, एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर पर विरोध जताया था. इसमें कहा गया कि झीरम मामले की जांच का अधिकार सिर्फ उनके पास है. मामले की अंतिम सुनवाई के बाद उसे सुनवाई के लिए सुरक्षित रख लिया गया था.
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छत्तीसगढ़ पुलिस झीरम मामले की जांच के लिए स्वतंत्र
इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव का बयान सामने आया है. उन्होंने जानकारी दी है कि एनआईए की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि झीरम मामले की जांच का अधिकार सिर्फ एनआईए के पास है. इसके साथ ही एनआईए ने मांग की थी कि पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर को रद्द किया जाए. यानी अब इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस झीरम मामले की जांच के लिए स्वतंत्र है.
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