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IIT भिलाई के स्टूडेंट की मौत पर छात्रों ने निकाला कैंडिल मार्च, तख्तियां लेकर रात भर किया प्रदर्शन

आईआईटी भिलाई में छात्र सोमिल साहू की संदिग्ध मौत के बाद छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर न्याय की मांग की. छात्रों का आरोप है कि संस्थान की मेडिकल सुविधा में लापरवाही के कारण सोमिल की जान गई.

IIT भिलाई के स्टूडेंट की मौत पर छात्रों ने निकाला कैंडिल मार्च, तख्तियां लेकर रात भर किया प्रदर्शन

आईआईटी भिलाई के छात्रों ने बुधवार-गुरुवार की रात मृतक छात्र सोमिल साहू के लिए कैंडल मार्च निकाला, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए. हालांकि, संस्थान प्रशासन ने उन्हें परिसर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी. छात्रों ने इस रोक को तानाशाही करार देते हुए आरोप लगाया कि उनकी अभिव्यक्ति की आजादी छीनी जा रही है. उन्होंने कहा कि कम से कम बाहर निकलकर शांतिपूर्वक विरोध दर्ज कराने की अनुमति दी जानी चाहिए थी, क्योंकि वे सिर्फ अपना पक्ष रखना और न्याय की मांग करना चाहते थे.

छात्रों ने कैंपस के गेट नंबर-2 के अंदर ही बैठकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. हर छात्र के हाथ में मोमबत्तियां और तख्तियां थीं, जिन पर “न्याय दो सोमिल को” और “दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो” जैसे नारे लिखे थे. छात्रों का कहना है कि 1500 छात्रों के लिए केवल एक एम्बुलेंस उपलब्ध है और उसमें भी पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था नहीं है.

छात्रों ने आरोप लगाया की कि सोमिल साहू को समय पर इलाज नहीं मिल पाया. कैंपस के मेडिकल यूनिट में मौजूद डॉक्टर दो बार अनुपस्थित रहे और जब आए भी तो उन्होंने केवल सर्दी-खांसी (पैरासिटामोल और ओआरएस) की दवा देकर रवाना कर दिया. वहीं, नर्स ने बीपी और जांच उपकरण का उपोग किया तो वो भी खराब पाए गए. छात्रों ने इन लापरवाहियों को गंभीर बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की

दूसरी ओर, आईआईटी भिलाई प्रशासन ने देर शाम प्रेस रिलीज जारी कर पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की.

आईआईटी भिलाई के निदेशक ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर पुलिस जांच शुरू करने का अनुरोध किया है .मृतक सोमिल साहू के परिवार को शोक संदेश और आवश्यक प्रशासनिक सहायता प्रदान की गई है. संस्थान के चिकित्सा अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. स्वास्थ्य केंद्र में 24×7 चिकित्सा कर्मी और एंबुलेंस सुविधा सुनिश्चित की गई है.

दुर्ग कलेक्टर से एक सरकारी डॉक्टर की नियुक्ति का अनुरोध किया गया, जिस पर कलेक्टर ने सहमति दे दी है. स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी छात्रों की चिंताओं की जांच के लिए एक तथ्य-अन्वेषण समिति गठित की जा रही है, जिसमें एम्स, स्थानीय मेडिकल कॉलेज और छात्र प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

वहीं, मामले में डायरेक्टर राजीव प्रकाश ने कहा कि मीडिया को पुलिस के साथ अंदर बुलाया गया, जहां उन्होंने इस पूरे घटना क्रम के बारे में जवाब दिया व भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भी अपने योजना के बारे में बताया.
 

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