दुर्ग पुलिस ने एक बड़े नकली नोट रैकेट का पर्दाफाश किया है. एक दंपती ने अपने घर को नकली करेंसी छापने की मिनी फैक्टरी में तब्दील कर रखा था और साप्ताहिक बाजारों में घूम-घूमकर व्यापारियों को ठग रहे थे. पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी को रंगे हाथों पकड़ा और उनके पास से 1 लाख 70 हजार 500 रुपये के नकली नोट बरामद किए.
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस के अनुसार, 29 दिसंबर को रानीतराई थाना क्षेत्र के साप्ताहिक बाजार में नकली नोट चलने की सूचना मिली. पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची और सब्जी विक्रेता तुलेश्वर सोनकर की शिकायत पर कार्रवाई शुरू की. तुलेश्वर ने बताया कि शाम करीब 5:30 बजे एक पुरुष और महिला ने 60 रुपये की मटर मिर्च खरीदी और 500 रुपये का नोट थमा दिया. बाकी पैसे लौटाने के बाद जब गल्ले की जांच की तो नोट नकली निकला, जिसका सीरियल नंबर 9EP143736 था.

जांच में पता चला कि यही दंपती बाजार में कई अन्य व्यापारियों के पास भी सब्जी-मंडी का सामान खरीदकर नकली नोट दे चुके थे. इससे पूरे बाजार में हड़कंप मच गया. इस वजह से व्यापारी अब हर बड़े नोट को संदेह की नजर से देख रहे हैं.
ऑनलाइन प्रिंटर और पेपर मंगवाया
पुलिस ने आरोपी अरुण कुमार तुरंग और उसकी पत्नी राखी तुरंग को गिरफ्तार कर लिया, जो मुजगहन (रायपुर) के सोनपैरी के रहने वाले हैं. पूछताछ में अरुण ने बताया कि वह रंगीन फोटोकॉपी प्रिंटर और स्पेशल पेपर ऑनलाइन मंगवाकर घर पर ही 500, 200 और 100 रुपये के नकली नोट छापने लगा. पहले पाटन के साप्ताहिक बाजार में इन नोटों को आजमाया, फिर रानीतराई बाजार में 5200 रुपये के नकली नोट लेकर पहुंचा था.

घर से मिला ये सामान
पुलिस ने आरोपी के घर की तलाशी ली तो खुलासा हुआ कि ये दंपती घर को नकली नोटों की फैक्टरी बना चुके थे. पुलिस ने उनके घर से कलर प्रिंटर, स्पेशल पेपर, 1 लाख 65 हजार 300 रुपये के नकली नोट बरामद किए. इसके अलावा बाजार में रखे 5200 रुपये के नकली नोट सहित कुल 1 लाख 70 हजार 500 रुपये की जाली करेंसी जब्त की है.
आरोपी दंपति को हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ की जा रही है. पुलिस को शक है कि ये लोग लंबे समय से आसपास के बाजारों में नकली नोट खपा रहे थे, जिससे कई व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ.