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Chhattisgarh: जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा की याचिका पर हाईकोर्ट का ACB-EOW को नोटिस, शराब घोटाले से जुड़ा है मामला

Former Excise Minister Kawasi Lakhma: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, जिस पर हाईकोर्ट ने ACB EOW को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Chhattisgarh: जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा की याचिका पर हाईकोर्ट का ACB-EOW को नोटिस, शराब घोटाले से जुड़ा है मामला

Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं. अग्रिम जमानत के लिए लखमा ने अग्रिम जमानत याचिका हाइकोर्ट में दायर की है. इस याचिका में गुरुवार को जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा. जिस पर कोर्ट ने ACB EOW को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं, अगली सुनवाई 13 मार्च 2025 को तय की है. बता दें कि कवासी लखमा की अग्रिम जमानत की याचिका ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट पहले ही खारिज की जा चुकी है.

कवासी की ओर से वकील ने दो सप्ताह पूर्व उसके बचाव पक्ष में उसे निर्दोष बताते हुए झूठे मामले में फंसाने और परेशान करने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही ईडी को छापेमारी के दौरान उनके घर से एक पैसा भी बरामद नहीं होने और आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिलने की जानकारी दी थी.

EOW ने 2 करोड़ लेने का लगाया आरोप

वहीं, ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की ओर से इस मामले में कवासी लखमा पर शराब घोटाले में हर महीने 50 लाख रुपये कमीशन सहित करीब दो करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की गई थी.

21 जनवरी को कोर्ट ने भेजा जेल

कथित शराब घोटाले के मामले में ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 21 जनवरी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया था. इस दौरान रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने कवासी लखमा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. ED के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है.

ED ने क्या लगाए आरोप

कोर्ट में ED के वकील ने लखमा पर आरोप लगाए कि उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है. ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरुरी है. आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे. इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी.

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वहीं, ED ने यह भी कहा कि, शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई. यही नहीं ED ने बताया कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकना जरूरी नहीं समझा. इसके उन्हें आरोपी के तौर पर देखा गया है. फिलहाल अपनी अग्रिम जमानत याचिका के लिए लखमा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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