
CG Hindi News: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (Chhattisgarh High Court) ने सारंगढ़ उप जेल में कैदी से पिटाई और अवैध गतिविधियों को लेकर स्वत: संज्ञान लिया था. मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई की जा रही है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट में महाधिवक्ता ने प्रदेश सरकार से हलफनामे पर मामले में जेल कर्मियों पर हुई कार्रवाई को लेकर जवाब दिया.
वहीं, पूर्व आदेश के परिपालन में बताया कि जहां तक जांच का सवाल है, अभी तक 3 लोगों की जांच चल रही है. दो लोगों को बरी किया गया है. इसके बाद बेंच ने 3 अप्रैल का समय देते हुए नया शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.
जवाब में क्या कहा
15 जनवरी 2025 को सुनवाई के दौरान शपथपत्र में जवाब दिया था कि 10 व्यक्तियों के खिलाफ शुरू की गई जांच में एक दोषी कर्मचारी के खिलाफ जांच पूरी हो गई है और उसे दंडित किया गया है, जबकि तीन मामलों में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. तीन मामलों में जांच पूरी हो गई है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इसके अलावाा तीन मामलों में जांच चल रही है.
3 अप्रैल को शपथपत्र पेश करने का निर्देश
राज्य के अधिवक्ता को जांच रिपोर्ट की स्थिति और उठाए गए कदमों के संबंध मामले में आगे हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. वहीं, कोर्ट ने एक बार फिर सरकार को समय देते हुए 3 अप्रैल तक नया शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया है.
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ये था मामला
दरअसल, सारंगढ़ उपजेल में वसूली के लिए कैदी को टॉर्चर किए जाने का मामला उजागर हुआ था. जिस पर हस्तक्षेप याचिकाकर्ता दीपक चौहान और दिनेश चौहान ने अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला के माध्यम से अपना पक्ष रखा था. वहीं, सारंगढ़ उपजेल मामले में संलिप्त आरोपी जेलकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस महानिदेशक जेल से शपथपत्र में जवाब प्रस्तुत करने कहा था. वहीं, अब शुरू हुई विभागीय जांच और कार्रवाई पर कोर्ट लगातार जवाब मांगकर निगरानी कर रहा है.
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