
Ambikapur News: अम्बिकापुर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले महामाया मंदिर पहाड़ के ग्राम बधियाचनुआ में 27 हाथियों के दल के आने से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है. नए साल के पहले दिन 1 जनवरी को इस क्षेत्र में पिकनिक मनाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की कोई जनहानि ना हो सके. दरअसल समूचे सरगुजा संभाग के 6 जिले पिछले कुछ महीनों से जंगली हाथियों के आतंक से भयभीत हैं. ये जंगली हाथी आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और अब तक दर्जनों की संख्या में घरों को भी धराशाई कर चुके हैं.
इस भीषण ठंड में वन विभाग की ओर से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए उन्हें जंगल से लगे गांव से हटाकर ब्लाक मुख्यालयों में कैंपों में रखा गया है. लेकिन अब इन 27 हाथियों के दल के अम्बिकापुर नगर निगम से लगे महामाया मंदिर पहाड़ में आने की खबर से पूरे शहर में दहशत का माहौल है. वन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से 1 जनवरी के दिन महामाया मंदिर पहाड़ में पिकनिक मनाने की अनुमति नहीं दी गई. इसके साथ ही पहाड़ की ओर जाने वाले रास्तों पर वनविभाग और पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी सूरत में कोई अप्रिय स्थिति ना बने.

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हाथियों के आने की खबर फैलते ही मची भगदड़
बताया जा रहा कि देर रात ग्राम लाल माटी की ओर से बधियाचनुआ गांव के पास स्थित जंगल में हाथियों के पहुंचने की खबर मिलते ही पूरे गांव में भगदड़ मच गई. ग्रामीण दहशत में आ गए. महिला, पुरुष, बच्चे सभी इधर-उधर जान बचाने के लिए शहर की ओर भागने लगे. खबर मिलते ही अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने तत्काल अधिकारियों को स्थल पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए.
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रात भर डटा रहा वन अमला
उन्होंने शासकीय प्राथमिक शाला बधियाचनुआ चुनाव ऑक्सीजन पार्क के रेस्ट हाउस और पंचायत भवन में ग्रामीणों के रुकने की व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया और ग्रामीणों के लिए भोजन और टेंट की व्यवस्था करने के लिए कहा. विधायक की ओर से सूचना मिलते ही स्थानीय पार्षद और सैकड़ों कार्यकर्ता ग्राम बधियाचनुआ पहुंचे. वे सभी ग्रामीणों का हौसला बढ़ाते हुए देर रात तक व्यवस्था बनाने में सक्रिय रहे. डीएफओ और रेंजर के साथ वन अमला भी रातभर गांव में लोगों के साथ डटा रहा.