Naxalites Building New Lives: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की मिट्टी आज एक अद्भुत परिवर्तन की गवाह बन रही है, हिंसा और खून-खराबे को छोड़कर पूर्व नक्सली शिक्षा और हुनर के जरिए नवजीवन गढ़ने की ओर बढ़ रहे हैं. संघर्ष और पश्चाताप के बाद पूर्व नक्सली नई शुरूआत की ओर बढ़कर नए जीवन की नई इबारत लिख रहे हैं.
ये भी पढ़ें-Dacoit Love Story: प्रेमिका की शादी से था नाराज, खाई कसम उससे ही करेगा शादी, गर्भवती थी तब किया अगवा, अब करना पड़ा सरेंडर
सरकार की व्यापक पुनर्वास नीतियों से आकर्षित होकर घर लौटे पूर्व नक्सली
माओवादी हिंसा और खून-खराबे को छोड़कर मुख्यधारा में लौटे पूर्व नक्सली समाज में अपने योगदान को लेकर तत्पर दिख रहे हैं. साक्षरता की रोशनी से अंधेरे से उजाले का सफ़र तय करने के लिए पूर्व नक्सली परीक्षा में बैठने का फैसला किया है. अतीत को पीछे छोड़ चुके पूर्व नक्सली एक नई इबारत लिखने के लिए उत्साहित हैं.

नक्सलियों को साक्षर और सम्मानजनक जीवन दिलाना हमारी ज़िम्मेदारी
गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने बताया इन लोगों ने माओवादी संगठन को त्यागकर समाज की मुख्यधारा में आने का कठिन निर्णय लिया अब उन्हें साक्षर बनाना और उन्हें एक सम्मानजनक जीवन दिलाना हमारी ज़िम्मेदारी है. एसपी ने बताया कि उल्लास कार्यक्रम उन्हें वह बुनियादी आत्मविश्वास दे रहा है, जो एक खुशहाल जीवन के लिए ज़रूरी है.
ये भी पढ़ें-छत्तीसगढ़ में दशरथ मांझी प्रयास, सड़क बनाने के लिए दुर्गम पहाड़ी के चट्टानों से लोहा ले रहे ग्रामीण
ये भी पढ़ें-खुलेआम नकल का मिला था VIDEO सबूत, परीक्षा सेंटर पर फिर भी जारी है एग्जाम, गाइड लेकर Exam में बैठे थे छात्र!
कौशल और हुनर सीखकर औजारों से अपना भविष्य गढ़ रहे हैं पूर्व नक्सली
रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में लाइवलीहुड कॉलेज गरियाबंद में सरेंडर कर चुके कुल 22 नक्सलियो को तीन महत्वपूर्ण व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनमें सिलाई मशीन प्रशिक्षण प्रमुख है, जिसकी मदद से पूर्व नक्सली व्यवसाय, रोज़गार और ट्रेनिंग सेंटर खोलकर आत्मनिर्भर बन सकेंगे.
हुनरमंद बनकर देश निर्माण में योगदान के लिए तैयार हो रहे हैं पूर्व नक्सली
एसपी ने बताया कि पूर्व नक्सलियों को दिया जा रहा व्यवसायिक और ओद्योगिक प्रशिक्षण उन्हें केवल आय का साधन नहीं दे रहा बल्कि समाज में पुनः सम्मान और स्वीकार्यता भी प्रदान कर रहा है .ज़िला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पुनर्वास प्रक्रिया यहीं नहीं रुकेगी, भविष्य में भी इन्हें शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा.
पूर्व माओवादी अब सिर्फ आत्मसमर्पित नहीं हैं, वे नव भारत के नए सिपाही हैं
गरियाबंद के नक्सलियों का यह संदेश उन सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए संदेश है, जहाँ संघर्षरत युवा मुख्यधारा से भटक जाते हैं, लेकिन सभी का हक है कि पुुरानी गलतियं को सुधारकर उसे एक नई शुरुआत करने का मौका मिले, क्योंकि सिर्फ वो सिरफ आत्मसमर्पित नहीं, बल्कि नव भारत के सिपाही हैं जो शांति के साथ अपने सपनों को सच कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-DEATH HORROR: सामने से युवक को उठाकर ले गई मौत, सीसीटीवी में कैद हुआ हॉरर मंजर!