Cheating In Exam : भिंड जिले के जीवाजी विश्वविद्यालय के एक परीक्षा केंद्र में खुलेआम गाइड लेकर एग्जाम देते पकड़े जाने के सबूत सामने आने के बाद भी अब तक परीक्षा केंद्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसने विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली गंभीर सवाल उठा दिए हैं. बड़ी बात यह है कि नकल करते छात्रों का वीडियो सबूत भी वायरल हुआ था.
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मेहगांव शासकीय महाविद्यालय में सामूहिक नकल हुआ था उजागर
गौरतलब है मेहगांव के शासकीय महाविद्यालय में जीवाजी विश्वविद्यालय की परीक्षाएं लगातार विवादों में रही हैं. 4 दिन पहले उड़नदस्ता टीम ने दबिश देकर परीक्षा केंद्र में नकल का तंत्र का पर्दाफाश किया था, जहां कई परीक्षार्थी गाइड खोलकर सवाल हल करते मिले. इतना ही हीं, कुछ छात्र मोबाइल फोन में डाउनलोड नोट्स देखते धरे गए थे.
जीवाजी यूनिवर्सिटी की परीक्षा में नकल सरेआम कैमरे में कैद ! भिंड के मेहगांव कॉलेज में प्रिंसिपल से लेकर स्टाफ तक सब नपे#JiwajiUniversity | #Gwalior pic.twitter.com/9PsbHPvvcG
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) December 4, 2025
परीक्षा केंद्र में थी चिटो की भरमार, सीसीवीटी कैमरा भी बंद मिला
उड़नदस्ता टीम के औचक निरीक्षण के दौरान परीक्षा केंद्र में जहां तहां चिटो की भरमार देखी गई थी. इतना ही नहीं, सरकारी सेंटर पर सीसीटीवी अनिवार्यता को भी फॉलो नहीं किया जा रहा था. नकल के लिए वहां लगाए गए कैमरों को जानबूझकर बंद कर दिया गया था. इससे अंदेशा और मजबूत हुआ कि पूरे मामले में अंदरूनी मिलीभगत थी.
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प्राचार्य ने दी थी पूरी रिपोर्ट, फिर भी विश्वविद्यालय रहा बेपरवाह
शासकीय महाविद्यालय मेहगांव के प्राचार्य राम अवधेश शर्मा ने नकल, क्लासरूम के बंद सीसीटीवी, फोटोस्टेट सामग्री, बाहरी लोगों की उपस्थिति जैसे बिंदुओं वाली विस्तृत रिपोर्ट जीवाजी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग को भेजी थी. प्राचार्य की रिपोर्ट में सेंटर निरस्त करने की स्पष्ट अनुशंसा थी, लेकिन अभी उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
विश्वविद्यालय का तर्क, दो परीक्षाएं शेष, सेंटर बदलना संभव नहीं
जीवाजी विश्वविद्यालय का तर्क है नकल कराते पकड़े सेंटर में अभी दो परीक्षाएं होनी है, ऐसे में शेष दो परीक्षाओं के लिए नया सेंटर बनाना संभव नहीं, इसलिए सेंटर निरस्त नहीं किया जा सकता है. हालांकि विश्वविद्यालय 24 घंटे में नया परीक्षा केंद्र निर्धारित कर सकती है। लेकिन इस मामले में विश्वविद्यालय की आनाकानी उसकी मंशा पर गहरे सवाल खड़ा कर रहे हैं.
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सिर्फ केंद्राध्यक्ष बदले, विवादित परीक्षा सेंटर को नहीं बदला गया
नकल करते पकड़े गए मेहगांव शासकीय महाविद्यालय परीक्षा सेंटर के खिलाफ विश्वविद्यालय ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिक की है. विश्वविद्यालय ने सेंटर के केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष को बदलकर कार्रवाई की इतिश्री कर ली है. विश्वविद्यालय ने भिंड के डॉ. राजेन्द्र सिंह राठौर को केंद्राध्यक्ष और डॉ. गजेंद्र सिंह को सहायक केंद्राध्यक्ष बनाया है.
प्राचार्य बोले, सेंटर निरस्त होना चाहिए था, लेकिन सुनवाई नही हुई
मेहगांव शासकीय महाविद्यालय प्राचार्य राम अवधेश शर्मा ने फैसले पर नाखुशी जताई है. उन्होंनेे कहा कि, जिस सेंटर पर खुलेआम नकल चल रही थी, उसे निरस्त न करना विश्वविद्यालय का गलत निर्णय है. उन्होंने आगे कहा, माहौल खराब था, परीक्षा की पवित्रता ध्वस्त हुई थी, हम चाहते थे कि विश्वविद्यालय सेंटर निरस्त करे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
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विश्वविद्यालय प्रशासन तक नकल माफियाओं की पहुंच, क्या बोले प्राचार्य?
प्राचार्य ने आरोप लगाया है कि नकल माफियाओं की पहुंच विश्वविद्यालय तक है, जो विश्वविद्यालय के निर्णयों को प्रभावित कर रहे है? कुछ देर चुप रहने के बाद प्राचार्य ने दबे आवाज़ में आगे कहा,“हाँ…कह सकते हैं कि… विश्वविद्यालय प्रशासन में कुछ तो गड़बड़ चल रहा है.
विश्वविद्यालय प्रशासन में बैठा हुआ है नकल माफियाओं का कोई हितैषी
उल्लेखनीय है प्राचार्य का इशारा करता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन में नकल माफियाओं का कोई हितैषी बैठा हुआ है, जिसके चलते सामूहिक नकल करते पकड़े गए परीक्षा सेंटर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. माना जा रहा है कि परीक्षा सेंटर के निरस्त न होने के पीछे कोई न कोई ‘बड़ी वजह' जरूर है.
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