
Surguja News: एक ओर जहां बारिश के चलते रबी फसलों (Rabi Crops) के बुवाई करने वाले किसान (Farmers) खुश नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खरीफ फसलों (Kharif Crops) के किसान इस बारिश (Rains in Chhattisgarh) से परेशान है. उत्तरी छत्तीसगढ़ (North Chhattisgarh) में अचानक आए मौसम में बदलाव के चलते कुछ हिस्सों में बारिश हुई है, तो वहीं कुछ हिस्सों में बादल छाए हुए हैं. इस बारिश के चलते किसान धान की कटाई (Rains Affected Paddy Harvesting) कर रहे किसान परेशान हैं. वहीं बारिश के कारण कड़ाके की सर्दी भी बढ़ने लगी है.
क्षेत्र में पड़ रही कड़ाके की ठंड
संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में मंगलवार 28 नवंबर को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री से नीचे आ गया. जिसके कारण अब शाम ढलते ही ठंड के चलते सड़कों में सन्नाटा छाने लगा है. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में धान की कटाई करने वाले किसान इस बेमौसम बारिश से परेशान हैं. बारिश के चलते सुखे हुए धान के खराब होने की संभावना बढ़ गई है. ऐसे में क्षेत्र में धान कटाई कार्य ने रफ्तार पकड़ लिया है.
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में बदलाव आया है. अगले 3 दिनों तक यह स्थिति बने रहने की संभावना है. जिसके कारण कड़ाके की सर्दी क्षेत्र में पड़ने वाली है. दरअसल, सरगुजा संभाग में कड़ाके की सर्दी पड़ना कोई नई बात नहीं है, वन क्षेत्र और पहाड़ियों से घिरे होने के कारण यहां दिसंबर महीने में न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस तक चला जाता है. लेकिन, इस बार दिसंबर से पहले ही ठंड का असर दिखाई देने लगा है. जिसका मुख्य कारण उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ माना जा रहा है.
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पहाड़ी इलाकों में ठंड ने बढ़ाई मुश्किलें
मौसम वैज्ञानिक ए एम भट्ट की मानें तो आसमान में बादल छाए रहने और बारिश होने के कारण मौसम में अचानक बदलाव आया है. जिसके कारण उत्तरी छत्तीसगढ़ में ठंड अब तेजी से बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि मौसम में बदलाव का दौर उत्तर भारत में देखा जा रहा है. जिससे आने वाले समय में घने कोहरे के साथ कड़ाके की सर्दी पड़ने की पूरी उम्मीद है. वहीं अंबिकापुर के साथ-साथ सरगुजा और बलरामपुर जिले के पहाड़ी इलाकों में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहां तापमान 08 डिग्री से नीचे चला गया है. छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट, बलरामपुर के सामरी पाठ, जशपुर के लहसुन पाठ सहित अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में भी कड़ाके की ठंड है. यहां पर लोगों को ठंड से राहत पाने के लिए आग का सहारा लेना पड़ रहा है.
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