छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए महज 6 दिन बचे हैं. ऐसे में कोरिया जिले के धान खरीदी केंद्रों में कई समितियों ने अब टोकन काटना बंद कर दिया है. धान बेचने के लिए टोकन ना मिलने के कारण किसान बैरन ही लौट रहे हैं. दरअसल जिले के 22 धान खरीदी केंद्रों के लिए रोज के हिसाब से अलग-अलग लिमिट तय की गई हैं. इसके तहत किसान एक दिन में तय मात्रा से ज्यादा की खरीदी नहीं कर सकते. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जनवरी के आखिरी दिन तक का टोकन काट दिया है. बता दें कि राज्य में 1 नवंबर से लेकर 31 जनवरी तक धान खरीदी की जानी है. ऐसे में अब भी काफी किसानों से धान खरीदी बाकी है. किसानों को धान बेचने के लिए टोकन नहीं मिलने के चलते अब कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ से धान खरीदी के लिए तारीख बढ़ाने की मांग की है.
समिति से बैरन लौट रहे किसान
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कोरिया कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा है. उनका कहना है कि कोरिया जिला के धान खरीदी केंद्रों में किसान टोकन लेने पहुंच रहे हैं लेकिन 19 जनवरी से किसानों को टोकन देना बंद कर दिया गया है. जामपारा धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक अजय साहू से बात करने पर उन्होंने बताया कि 31 जनवरी तक का लिमिट पूरा हो चुका है. इसके बाद तिथि बढ़ने पर ही टोकन जारी किया जाएगा. मामले में किसानों को परेशान होता देख कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने तारीख न बढ़ने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
लिमिट पूरी होने के चलते नहीं कर रहे खरीदी
कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने बताया कि जिले के लिए 1,13,000 मैट्रिक टन खरीदी तय की गई थी जिसमें से अब तक धान खरीदी 1 लाख मैट्रिक टन से पार हो चुकी है. वहीं, धान खरीदी केंद्रों की तरफ से रोजाना लिमिट निर्धारित टोकन काटा जा रहा है. लिमिट पूरा होने के बाद टोकन ना काटने की जानकारी मिली है. इसके बावजूद अगर कोई परेशानी है तो मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जाएगी.
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बता दें कि जिले के धान खरीदी केंद्रों में अभी ऐसे कई किसान है जिन्हें टोकन जारी नहीं किया गया. इसके पीछे की वजह खरीदी की तय लिमिट का पूरा होना है. धान खरीदी केंद्र रतनपुर में 753 क्विंटल दैनिक धान खरीदी की लिमिट निर्धारित की गई है. ऐसे में यहां के मैनेजर विजय साहू ने बताया कि जनवरी के आखिरी दिन तक तय लिमिट के मुताबिक टोकन काटा गया है. इसके बावजूद भी 35 किसान बाकी है. इन किसानों से 25 लाख रुपए ऋण वसूली करना भी बचा हुआ है. वहीं, धान खरीदी केंद्र बड़े कलुआ में अब भी 40 किसानो से खरीदी और करीब 47 लाख रुपए ऋण वसूली करना बचा है. यहां पर तय किया गया टोकन लिमिट 1600 क्विंटल प्रतिदिन का है. इसके हिसाब से जनवरी के आखिरी दिन तक का टोकन जारी कर दिया गया है. बावजूद इसके अब भी ऐसे कई किसान है जो समिति केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं.
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