
धमतरी जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में शुक्रवार को किसान यूनियन बड़ी संख्या में अपनी मांगों को लेकर पहुंचे. किसानों को कहना है कि वो डीएपी और यूरिया खाद की कमी के चलते कलेक्टर से मिलने आए हैं और अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपेंगे. किसानों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि धान की बोनी के बाद खाद की जरूरत है, लेकिन सोसाइटी और राइस मिलों में खाद नहीं मिल रहा है. इससे खेती पर असर पड़ रहा है.
किसानों ने कहा कि खुले बाजार में महंगे दामों पर खाद खरीदने को किसान मजबूर हैं. काला बाजारी करने वाले 12 सौ रुपये की डीएपी 19 सौ रुपये और 272 रुपये वाली यूरिया 450 रुपये में बेच रहे हैं. किसान इन्हीं दामों पर खरीदने को मजबूर हैं.
किसानों ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग है कि जैविक खेती करने वालों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपये अनुदान देने के साथ ही बिजली की दरों में वृद्धि पर रोक लगाई जाए. साथ ही कृषि मोटर पंप में स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाए. वहीं, किसानों ने मंडी संशोधन बिल को किसान विरोधी बताया है. पहले मंडी नियमों का उल्लंघन पर 6 महीने की सजा थी, अब सिर्फ 5000 रुपेय का जुर्माना लगेगा.
यह बिल व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है. सरकार इसे तुरंत वापस ले. वहीं, छत्तीसगढ़ में लगातार अवैध रूप से शराबी की बिक्री हो रही है.
इस मामले पर अपर कलेक्टर बीआर मरकाम ने कहा कि किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. इसे आगे प्रेषित कर दिया जाएगा.
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