Chhattisgarh Cabinet Oath: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Dev Sai) के नौ रत्नों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है. मंत्री के तौर पर जिन 9 विधायकों ने शपथ ली है उनमें कई वरिष्ठ नेता हैं जो पहले भी मंत्री रहे हैं तो कई पहली बार के विधायक हैं. इस मंत्रिमंडल में पांच विधायक ऐसे हैं जो पहली बार विधायक बने हैं. हालांकि मंत्रिमंडल का चुनाव करने में भी बीजेपी और पार्टी आलाकमान ने खासी मशक्कत की है. पार्टी नेतृत्व ने पूरी कोशिश की है कि न सिर्फ जातीय समीकरण (caste equations) साधे जाएं बल्कि हर संभाग को पूरा प्रतिनिधित्व भी मिले. आइए समझते हैं कि बीजेपी ने मंत्रिमंडल विस्तार के ज़रिए कौन कौन से समीकरण साधने की कोशिश की है.
सबसे पहले बात उन विधायकों की जो पहली बार मंत्री बने हैं. इनमें अरुण साव के अलावा ओपी चौधरी, विजय शर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े और टंकराम वर्मा शामिल हैं. ओपी चौधरी के बारे में पहले से ही माना जा रहा था कि वे नई कैबिनेट में शामिल होंगे. वे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. अगर मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण को समझने की कोशिश करें तो सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग को मौका दिया गया है
जब बात करते हैं क्षेत्रीय समीकरण की तो मंत्रिमंडल में सरगुजा संभाग का दबदबा दिखाई देता है.सरगुजा संभाग से राम विचार नेताम,लक्ष्मी राजवाड़े और श्याम बिहारी जायसवाल को मंत्री बनाया गया है. रायपुर संभाग से बृजमोहन अग्रवाल और टंकराम वर्मा को मौका मिला है.बिलासपुर संभाग से ओपी चौधरी और लखन लाल देवांगन को मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा दुर्ग संभाग से दयालदास बघेल को और बस्तर संभाग से केदार कश्यप को कैबिनेट में जगह मिला है. जाहिर है बीजेपी आलाकमान ने मंत्रिमंडल में सभी वर्गों और संभाग को साधने की कोशिश की है. अब देखना ये है कि सूबे में पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेताओं को कैसे साधा जाता है.
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