
Elephant Death News: रायगढ़ जिले में एक बार फिर दंतेल हाथी की बिजली की तार के चपेट में आने से मौत हो गई. बीती रात केराखोल गांव तमनार वन परिक्षेत्र में बिछाए गए बिजली के तार ने एक दंतेल हाथी को मौत के घाट उतार दिया. वन विभाग की शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इलाके में जंगली सूअरों के शिकार के लिए तार बिछाया गया था, लेकिन, रात के अंधेरे में हाथी इसकी चपेट में आ गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
घटना के बाद विभाग के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए और आरोपित व तंत्र की जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बताया जा रहा है कि स्थानीय किसान और वनों में काम के लिए जाने वालों के लिए इलाकों में जंगली जानवरों के खतरों से निजात पाने के लिए ऐसे अमानवीय और गैर-विनियोजित बिजली के तारों के जाल बिछा रहे हैं. और ऐसा करते हुए वन्यजीवों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जा रहा.
एक के बाद एक हाथियों की हो रही है मौत
यह घटना एक अकेली दुर्घटना नहीं है. पिछले डेढ़ साल में इस इलाके में करीब आधा दर्जन हाथियों की मौत हो चुकी है. चूहकीमार नर्सरी के पास 11 केवी की लटकती हुई तार के संपर्क में आकर करंट लगने से तीन हाथियों की मृत्यु हुई थी. वहीं, घरघोड़ा रेंज में दो हाथियों की मौत हो गई थी और धरमजयगढ़ वन मंडल में एक हाथी शावक गड्ढे में गिरकर पानी में डूबने से जान गंवा चुके हैं. साथ ही, एक हाथी का पुराना कंकाल भी पाया गया था, जो वन विभाग की उदासीनता की तस्दीक कर रहा है.
ठोस कदम उठाने की है जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्रम वन विभाग की लापरवाही, बिजली विभाग और स्थानिक कृषि-उपायों के बीच खानापूर्ति, साथ ही हाथियों के गतिशील मार्गों की उपेक्षा का नतीजा है. जब तक ट्रैप-लाइन, अवैध विद्युत तार और सुरक्षित गलियारों को लेकर जमीनी कार्य नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसे दर्दनाक हादसे थमने का नाम नहीं लेंगे.
वर्तमान मामले में भी उठ रहे हैं सवाल
क्या वन विभाग ने पहले से इस क्षेत्र में चेतावनी जारी की थी? क्या बिजली विभाग की स्वीकृति व निगरानी ठीक प्रकार से थी? विभागीय सूत्रों में यह चर्चा है कि दोषियों की पहचान के बाद कार्रवाई शुरू हो जाएगी, लेकिन पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम अभी तक नजर नहीं आ रहे. पूर्व के मामलों में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भी हाथियों की मौत के मामले में संज्ञान लेते हुए वन विभाग के अधिकारी और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को सख्त निर्देश दिया था कि वह अपनी जवाबदेही तय करें और वन आंचल क्षेत्रों में जहां बिजली के खंभे और कम ऊंचाई वाले तारों को अधिकतम ऊंचाई तक पहुंचाएं, ताकि किसी जंगली हाथियों की मौत ना हो.
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रायगढ़ के वनमंडलाधिकारी अरविन्द पीएम ने बताया कि जंगली सूअर के शिकार के लिए यह बिजली का तार बिछाया गया था. इसके चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई. वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर जांच कर रही है. पोस्टमार्टम कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है. जैसे ही जानकारी मिलती है, आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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