ED in Chhattisgarh: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में जिला खनिज निधि (DMF) से जुड़े खनन ठेकेदारों ने सरकारी टेंडर पाने के एवज में राज्य के अधिकारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों को भारी मात्रा में रिश्वत दी है. इसकी जानकारी एजेंसी के अधिकारियों ने दी. बता दें कि ईडी की टीम ने प्रदेश के 13 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे थे और मामले से संबंधित जानकारी प्राप्त की.
13 अलग-अलग जगहों पर छापे
एजेंसी ने सोमवार को एक बयान में छापेमारी की जानकारी देते हुए कहा कि रिश्वत के मामले में 1 मार्च को राज्य में 13 स्थानों पर छापे मारे गए और संबंधित डिजिटल और कागजी दस्तावेजों के अलावा लगभग 27 लाख रुपये नकद जब्त किए गए. कथित डीएमएफ घोटाले में धनशोधन की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस ने प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद शुरू की गई थी. प्राथमिकी में राज्य के अधिकारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन की हेराफेरी करने के आरोप में ठेकेदारों और कुछ अन्य आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया.
ED, Raipur has carried out search operations on 01.03.2024 at 13 locations in Chhattisgarh linked to DMF (District Mineral Fund) scam under the provisions of the PMLA, 2002. During the search operations, cash amounting to Rs. 27 Lakh (approx.), various incriminating documents and…
— ED (@dir_ed) March 4, 2024
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ठेकेदारों ने दिया भारी मात्रा में कमीशन
पूरे मामले की जानकारी देते हुए ईडी ने कहा कि यह मामला छत्तीसगढ़ में डीएमएफ से प्राप्त धन के उपयोग में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. बता दें कि डीएमएफ खनन कर्ताओं द्वारा फंड की गई एक ट्रस्ट है, जिसे खनन से संबंधित परियोजनाएं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करने के उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों में स्थापित किया गया था. इसमें आरोप लगाया गया कि ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों को भारी मात्रा में कमीशन और रिश्वत का भुगतान किया जो अनुबंध मूल्य का 25-40% है.
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