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Dhan Storage: रखा गया 6 लाख क्विंटल, उठाया गया मात्र 1 लाख क्विंटल, बालोद में धान संग्रहण में बड़ी लापरवाही

Dhan Storage Negligence: बालोद जिले से धान संग्रहण को लेकर बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां धान संग्रहण केन्द्र में पांच लाख क्विंटल से ज्यादा धान खराब होने की कगार पर है. आइए आपको पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देते हैं.

Dhan Storage: रखा गया 6 लाख क्विंटल, उठाया गया मात्र 1 लाख क्विंटल, बालोद में धान संग्रहण में बड़ी लापरवाही
Negligence: धान संग्रहण केंद्र में बड़ी लापरवाही उजागर

Dhan Storage in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बालोद (Balod) जिले में धान खरीदी के बाद उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. यहां के धोबनपुरी धान संग्रहण केंद्र (Dhan Storage Centre) में रखे धान के भीगने और अंकुरित होने की शिकायत पर जब क्षेत्रीय विधायक संगीता सिन्हा अचानक निरीक्षण पर पहुंचीं, तो जो हालात सामने आए, वो चौंकाने वाले थे. विधायक संगीता सिन्हा ने खुद पाया कि धान के रखरखाव में भारी लापरवाही है. जानकारी के अनुसार, केंद्र में 6 लाख क्विंटल से ज्यादा धान था, जिसमें से मात्र एक लाख क्विंटल ही उठाया गया है. बाकी बचा धान बेकार हो रहा है.

धान खरीदी केंद्र में बड़ी लापरवाही उजागर

धान संग्रहण केंद्र में बड़ी लापरवाही उजागर

विधायक ने किया निरीक्षण

क्षेत्रीय विधायक संगीता सिन्हा अचानक निरीक्षण पर पहुंचीं, तो जो हालात सामने आए, वो चौंकाने वाले थे. विधायक संगीता सिन्हा ने खुद पैदल चलकर स्टैक दर स्टैक धान की स्थिति देखी. कई बोरों से अंकुरित धान बाहर निकल रहा था, जिसपर उनका कहना है कि रख-रखाव की भारी कमी के चलते धान पानी में भीग चुका है और अब उसमें अंकुरण आ रहा है. किसानों की मेहनत को इस तरह बर्बाद होते देखना दुखद है. ये प्रशासन की घोर लापरवाही है. बारिश से पहले कोई तैयारी नहीं की गई है.

धोबनपुरी संग्रहण केंद्र में बरबाद हो रहा धान

धोबनपुरी संग्रहण केंद्र में बरबाद हो रहा धान

क्या है पूरा मामला?

बताया गया कि धोबनपुरी धान संग्रहण केंद्र में करीब 6 लाख 75 हजार क्विंटल धान रखा गया है. लेकिन, अब तक यहां से सिर्फ 1 लाख क्विंटल का ही उठाव हो पाया है. ऐसे में करीब 5 लाख 75 हजार क्विंटल धान खराब होने की कगार पर है. विधायक ने पूछा कि जब एक साल में इतना कम उठाव हुआ, तो 4 महीने में बाकी कैसे उठेगा?? मामले को लेकर मिलर भी परेशान हैं. उन्होंने बोली में जो धान खरीदा, वो अंकुरित हालत में मिल रहा है. ऐसे में न तो उसे स्टोर किया जा सकता है और न ही उससे अच्छी क्वालिटी का चावल तैयार किया जा सकता है.

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प्रशासन ने नहीं लिया एक्शन - मिलर

मामले पर मिलरों कि मानें, तो उनका कहना है कि जब वे उठाव करने जाते हैं, तो उन्हें खराब धान ही मिलता है. इसको लेकर कई बार उन्होंने शिकायत की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. उनका कहना है कि ऐसे में उनका और सरकार, दोनों का नुकसान हो रहा है.

जवाब देने को तैयार नहीं अधिकारी

इस मामले को लेकर जब एनडीटीवी ने अधिकारी से कार्यालय में जाकर बात करने की कोशिश की, तो दो दिन तक वो आए ही नहीं. साथ ही, फोन से भी संपर्क किया गया, तो वो कॉल रिसीव नहीं किए.

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