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निलंबित रहे BEO को उसी जगह फिर मिल गया प्रभार, मचा बवाल, हटाने के लिए शिक्षकों ने दिया 15 दिनों का अल्टीमेटम 

CG News : दंतेवाड़ा के गीदम में बीईओ शेख रफीक की दोबारा की पदस्थापना को लेकर बवाल मच गया  है. शिक्षक संघ ने इसके लिए मोर्चा खोल दिया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला ?  

निलंबित रहे BEO को उसी जगह फिर मिल गया प्रभार, मचा बवाल, हटाने के लिए शिक्षकों ने दिया 15 दिनों का अल्टीमेटम 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम में फिर से बीईओ पद पर शेख रफीक की पदस्थापना होने पर बवाल मच गया है. इन्हें कुछ महीने पहले इसी जगह से निलंबित किया गया था, अब दोबारा वे गीदम के बीईओ बनकर लौटे हैं, ऐसे में शिक्षकों में भारी आक्रोश है. शिक्षक संघ ने इसके लिए मोर्चा खोल दिया है. कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बीईओ को हटाने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. ऐसा नहीं करने की स्थिति में हड़ताल की चेतावनी भी दी गई है. 

गीदम बीईओ शेख रफीक के पदभार संभालने से पहले उन्हें हटाने की मांग होने लगी है. गीदम ब्लॉक के शिक्षकों ने उन्हें हटाने को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली है. गुरूवार को इस संबंध में कलेक्टर कुणाल दुदावत को एक ज्ञापन सौंपा हैं और इनके पदभार ग्रहण करने के बाद होने वाली परेशानियों से अवगत कराया है.

शेख रफीक पूर्व में गीदम में बतौर बीईओ पदस्थ थे. युक्तियुक्तकरण कार्य में लापरवाही के चलते उन पर निलंबन की गाज गिरी थी. एक बार फिर शेख रफीक को गीदम बीईओ के रूप में भेजा गया है. अभी बीईओ ने पदभार ग्रहण भी नहीं किया कि शिक्षकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख है कि 15 दिनों के भीतर यदि उक्त आदेश को निरस्त कर शेख रफीक को अन्यत्र पोस्टिंग नहीं दी जाती है, तो शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. 

शिक्षकों ने बीईओ पर आरोप लगाते बताया कि शाला की कंटिनजेंसी राशि में भी वे अपना हिस्सा मांगते हैं, शिक्षकों को छुट्टी जाना हो तो इसके लिये भी शेख रफीक द्वारा राशि की मांग की जाती है. आरोपों का सिलसिला यहीं नहीं थमा, शिक्षकों ने ये भी बताया कि शिक्षकों को अनावश्यक नोटिस भेजकर मामले के निराकरण के लिये भी राशि की मांग की जाती रही है.

परेशान हैं शिक्षक

कलेक्टर से मिलने पहुंचे शिक्षकों ने बताया कि शेख रफीक को गीदम बीईओ बनाये जाने से शिक्षक हतोत्साहित हैं, और इसका असर शिक्षा गुणवत्ता पर भी पड़ेगा, शासन को इस ओर ध्यान देते शीघ्र ही उचित कार्रवाई करनी चाहिए.शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संतोष मिश्रा ने बताया कि शेख रफीक पूर्व में गीदम बीईओ के रूप में सात साल पदस्थ रहे हैं. उनका ये कार्यकाल शिक्षकों के लिये किसी वनवास से कम नहीं था. युक्तियुक्तकरण कार्य में लापरवाही के चलते कलेक्टर की अनुशंसा पर उन पर निलंबन की कार्रवाई हुई थी. कलेक्टर हमारे लिये संकटमोचक साबित हुए, लेकिन दुबारा गीदम बीईओ बनकर वे खुद को अंगद का पैर साबित करने में जुटे हैं.

योग्य और ईमानदार अफसर की उठी मांग

शिक्षक संघ व गीदम के अन्य शिक्षकों ने गीदम बीईओ के रूप में किसी योग्य व ईमानदार अफसर को जिम्मेदारी देने की मांग की है. शेख रफीक शिक्षकों की नजर में न तो योग्य हैं और न ही उन्हें ईमानदार कहा जा सकता है. शिक्षकों ने ये भी बताया कि शेख रफीक एक लेक्चरर हैं इसलिये उनसे अध्यापन कार्य लिया जाना उचित होगा, वे विषय विशेषज्ञ हैं, वैसे भी जिले में विषय विशेषज्ञों की कमी बनी हुई है.

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